मुंबई, 11 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। गुजरात और राजस्थान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 86 वर्षीय रेप के दोषी आसाराम को एक बार फिर राहत मिली है। राजस्थान हाईकोर्ट ने उसकी ओर से 8 अगस्त को दायर अपील पर सोमवार को सुनवाई करते हुए अंतरिम जमानत की अवधि 29 अगस्त तक बढ़ा दी। सुनवाई के दौरान आसाराम की तरफ से एडवोकेट निशांत बोड़ा ने पहले गुजरात हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेशों का हवाला दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 30 जुलाई के आदेश का जिक्र किया, जिसके आधार पर गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत 21 अगस्त तक बढ़ाई थी। इसी आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट से भी जमानत अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया गया।
कोर्ट ने आसाराम की ओर से पेश मेडिकल रिपोर्टों का अध्ययन किया, जिसमें उसकी सेहत को गंभीर बताते हुए ‘ट्रोपोनिन लेवल’ अत्यधिक पाया गया, जो हृदय के लिए खतरे का संकेत है। रिपोर्ट में बताया गया कि आसाराम इंदौर के जूपिटर हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती था और बाद में उसे अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में स्थानांतरित कर दिया गया। अदालत ने अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल को विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की बेंच ने आदेश दिया कि तीन दिन के भीतर प्रोफेसर रैंक के दो कार्डियोलॉजिस्ट और एक न्यूरोलॉजिस्ट शामिल करते हुए एक मेडिकल बोर्ड गठित किया जाए। यह बोर्ड आसाराम के हृदय और न्यूरो संबंधी सभी मापदंडों की गहन जांच करेगा और यह भी रिपोर्ट करेगा कि उसकी हालत के लिए अस्पताल में भर्ती या निरंतर चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है या नहीं। रिपोर्ट निर्धारित समय सीमा में राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) के अधिकृत ईमेल पर भेजी जाएगी और इसकी एक प्रति आसाराम या उसके प्रतिनिधि को भी सौंपी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी।