महाराष्ट्र के पंढरपुर तालुका के कोर्टी गांव में सोमवार को घटी घटना ने पूरे क्षेत्र को शोक और अविश्वास में डाल दिया। लोंढे परिवार का पांच वर्षीय मासूम प्रज्वल खेलते-खेलते खेत के पास बने तालाब में जा गिरा। बच्चे के डूबने की आशंका होते ही उसकी मां प्रियंका लोंढे घबराई और बिना किसी देर के तालाब में कूद गईं। लेकिन वह खुद पानी के तेज बहाव और गहराई में फंस गईं। पत्नी और बेटे को संघर्ष करते देख पिता विजय लोंढे भी उन्हें बचाने के लिए तालाब में उतरे, लेकिन दुर्भाग्यवश तालाब की गहराई और चिपचिपे कीचड़ ने उन्हें भी बाहर निकलने नहीं दिया। कुछ ही मिनटों में तीनों की जान चली गई और एक संपूर्ण परिवार हमेशा के लिए खत्म हो गया।
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक तालाब के किनारे सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी और पानी की गहराई अचानक बढ़ जाती है। प्रज्वल फिसलकर सीधे उसी हिस्से में जा गिरा जिससे वह बाहर निकल नहीं सका। घटना की खबर मिलते ही पुलिस और दमकल टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से तीनों के शवों को बाहर निकाला गया। ग्रामीणों का कहना है कि विजय और प्रियंका मेहनतकश दंपती थे, जो रोज़ खेतों में मजदूरी करके परिवार चलाते थे। मासूम बेटे की मौत के साथ माता-पिता का यूं चले जाना गांव के हर व्यक्ति को गहरा दर्द दे गया है। पूरा गांव लोंढे परिवार की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है।
मृतक दंपती मूल रूप से मंगलवेढ़ा तालुका के रहने वाले थे और मजदूरी के सिलसिले में पंढरपुर में अस्थायी रूप से बसे हुए थे। उनके परिचितों का कहना है कि दोनों ही शांत स्वभाव, मददगार और संघर्षशील जीवन जी रहे थे। इस त्रासदी के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि खेतों और तालाबों के आसपास सुरक्षा कवच, चेतावनी बोर्ड और अस्थायी रेलिंग जैसी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे रोके जा सकें।
नाक के बाल काटने के विवाद में सैलून मालिक और कर्मचारी की पिटाई
दूसरी ओर नवी मुंबई के कोपरखैरणे सेक्टर 4A से एक बेहद चौंकाने वाली और असामान्य घटना सामने आई है। मामूली से मुद्दे पर हिंसा के स्तर तक पहुंची इस घटना ने स्थानीय नागरिकों को हैरान कर दिया। आरोप है कि गणेश पार्टे नामक व्यक्ति ने किसी दूसरी दुकान से बाल कटवाने के बाद सुजय पाटिल नाम के सैलून पर पहुंचकर कर्मचारी से नाक के बाल काटने को कहा। कर्मचारी ने विनम्रता से यह कहते हुए मना कर दिया कि चूंकि बाल पहले ही किसी और दुकान पर कटवाए गए हैं, इसलिए वहीं जाकर नाक के बाल भी ठीक करा लिए जाएं। इतनी-सी बात पर गणेश पार्टे बुरी तरह भड़क उठा।
आरोपी ने सैलून के भीतर हंगामा किया, गाली-गलौज की और मालिक व कर्मचारी पर हमला कर दिया। घटना के बाद सूजय पाटिल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने केस दर्ज करते हुए आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि पिछले कुछ समय से छोटे-छोटे विवादों पर बढ़ती हिंसक प्रतिक्रियाएं चिंता का विषय हैं। शहर में कार्यरत सैलून एसोसिएशन ने भी मांग की है कि इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में दुकानदारों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
यह घटना सामाजिक असंतुलन और बढ़ती असहिष्णुता की ओर संकेत करती है। नाक के बाल काटने जैसे नगण्य मुद्दे पर मारपीट और उत्पात न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि समाज में संवाद और संयम की कमी को भी उजागर करता है। प्रशासन का कहना है कि सैलून मालिक और उसके कर्मचारी को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
दोनों घटनाएं दो छोर के जीवन और समाज को दिखाती हैं—एक तरफ मासूम बेटे को बचाने में परिवार की तीन मौतें, तो दूसरी तरफ अत्यंत मामूली मुद्दे पर हिंसा। एक घटना भावनात्मक टूटन का प्रतीक बनती है, जबकि दूसरी सामाजिक संवेदनशीलता के क्षय की ओर संकेत करती है।