झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के पैरामेडिकल कॉलेज में 'मॉडर्न और ट्रेडिशनल मेडिसिन के समन्वय' पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर कॉलेज के निदेशक डॉ. अंशुल जैन ने कहा कि आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा का मेल बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का रास्ता खोल सकता है। उन्होंने छात्रों को लक्ष्य आधारित अनुसंधान के लिए इंटर-इंस्टिट्यूशनल टीमों के गठन और संसाधनों की उपलब्धता का आश्वासन दिया।
मुख्य अतिथि रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने 'वन हेल्थ' पर जोर देते हुए कहा कि इंसानों के साथ पशु और पौधों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने मिलेट्स (श्रीअन्न) पर चल रहे शोध की जानकारी भी दी। बीआईईटी निदेशक डॉ. जितेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य और तकनीकी के मिलन से नए शोध और आविष्कार संभव हैं, जो आने वाले समय में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।
तकनीकी सत्र में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जकी सिद्दीकी ने 'स्मार्ट इंसुलिन' पर हो रहे शोध पर बात की, जिसमें इंसुलिन केवल जरूरत के समय ही रिलीज होगी। उन्होंने कहा कि एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का चिकित्सा क्षेत्र में सही उपयोग बड़ी संभावनाएं पैदा कर सकता है। सेमिनार में करीब 500 छात्रों ने भाग लिया और पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा के नए आयामों पर विचार साझा किए।