सोशल मीडिया का दौर है और आज के समय में कोई भी खबर, वीडियो या फोटो चंद मिनटों में वायरल हो सकती है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि इनमें से बहुत सारी जानकारी या तो अधूरी होती है या पूरी तरह से फर्जी। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम किसी भी पोस्ट या खबर को आंख मूंदकर सच न मानें, बल्कि उसकी सच्चाई की जांच जरूर करें।
हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें दावा किया गया कि भारतीय डाक विभाग (इंडिया पोस्ट) ने 1 सितंबर 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को बंद करने का फैसला किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर व्हाट्सएप और फेसबुक पर यह संदेश तेजी से फैल रहा है और लोग इसे एक "युग का अंत" बता रहे हैं।
क्या है वायरल दावा?
एक वायरल पोस्ट में कहा गया,
"एक युग का अंत: भारतीय डाक बंद। 50 साल पुरानी पंजीकृत डाक सेवा अब बंद हो गई है, क्योंकि लोग अब इसका उपयोग नहीं करते।"
इस तरह के भावनात्मक शब्दों और आधे-अधूरे तथ्यों के साथ यह दावा किया जा रहा है कि अब रजिस्टर्ड पोस्ट नहीं भेजी जा सकेगी। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद कई लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई और सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई कि क्या वाकई ऐसा कोई बड़ा बदलाव हो रहा है?
फैक्ट चेक में क्या निकला?
इस वायरल दावे की जांच प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने की। जांच में साफ हो गया कि यह खबर पूरी तरह से फर्जी है। PIB द्वारा जारी किए गए स्पष्टीकरण में बताया गया कि पंजीकृत डाक सेवा को बंद नहीं किया जा रहा, बल्कि इसमें कुछ आंतरिक बदलाव किए जा रहे हैं।
PIB के अनुसार, डाक विभाग ने रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को स्पीड पोस्ट के साथ मर्ज करने का निर्णय लिया है ताकि सेवाओं को अधिक प्रभावी और तेज बनाया जा सके। यानी पंजीकृत डाक अब बंद नहीं होगी, बल्कि इसमें तकनीकी सुधार और तेज डिलीवरी की सुविधा को शामिल किया जाएगा।
क्यों फैलती हैं ऐसी भ्रामक खबरें?
आज के दौर में सोशल मीडिया हर किसी के हाथ में है, लेकिन इसके उपयोग के साथ जिम्मेदारी का भाव नहीं आ पाया है। लोग बिना तथ्यों की जांच किए कोई भी खबर, फोटो या वीडियो शेयर कर देते हैं। ऐसे में अफवाहों को पनपने का मौका मिलता है और भ्रम फैलता है।
कई बार ऐसी भ्रामक खबरें जानबूझकर भी फैलाई जाती हैं, ताकि लोगों को गुमराह किया जा सके या किसी संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
क्या करें आप?
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किसी भी खबर को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि करें।
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हमेशा सरकारी या अधिकृत वेबसाइट्स और सोशल मीडिया हैंडल्स से जानकारी लें।
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अगर कोई खबर चौंकाने वाली लगे तो तुरंत PIB Fact Check जैसे विश्वसनीय स्रोत से उसकी जांच करें।
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अफवाहों से बचें और दूसरों को भी जागरूक करें।
निष्कर्ष
रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को बंद करने का दावा पूरी तरह से झूठा और भ्रामक है। भारतीय डाक विभाग अब भी यह सेवा दे रहा है और आगे भी देता रहेगा, हालांकि इसके संचालन में कुछ तकनीकी बदलाव किए जा सकते हैं ताकि सेवा और बेहतर हो सके। ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों पर बिना जांच के विश्वास न करें और सतर्क रहें।