कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सात करोड़ से अधिक अंशधारकों को बड़ी राहत देते हुए पीएफ (भविष्य निधि) की आंशिक निकासी के नियमों को अभूतपूर्व रूप से आसान बना दिया है. अब कर्मचारी अपने पीएफ खाते में जमा राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा बिना कोई विशिष्ट कारण बताए निकाल सकते हैं. इस निर्णय को केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई ईपीएफओ केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में मंज़ूरी दी गई है.
नए नियमों के अनुसार, अंशधारक अपने पीएफ कोष में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के हिस्से सहित शेष राशि का एक बड़ा भाग, यानी 75 प्रतिशत तक, निकालने के लिए स्वतंत्र हैं. इसमें महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब केवल 25 प्रतिशत राशि को ही न्यूनतम बैलेंस के रूप में बनाए रखना होगा. यह 25 प्रतिशत शेष राशि ईपीएफओ द्वारा दी जाने वाली उच्च ब्याज दर (वर्तमान में 8.25%) का लाभ उठाती रहेगी, जिससे अंशधारकों को सेवानिवृत्ति के लिए बड़ा कोष बनाने में मदद मिलेगी.
जटिल नियमों का सरलीकरण और निकासी सीमा में वृद्धि
सीबीटी ने आंशिक निकासी से जुड़े 13 जटिल नियमों को समाप्त कर उन्हें एक ही नियम में समाहित कर दिया है. इन नियमों को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है: 'अत्यावश्यक जरूरतें' (जैसे बीमारी, शिक्षा, विवाह), 'घरेलू जरूरतें' और 'विशेष परिस्थितियां'.
न केवल नियमों का सरलीकरण किया गया है, बल्कि निकासी की सीमा में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है:
शिक्षा के लिए आंशिक निकासी की अनुमति 10 बार तक बढ़ा दी गई है.
विवाह के लिए यह सीमा बढ़ाकर 5 बार तक कर दी गई है.
पहले, दोनों ही मामलों में केवल तीन बार तक निकासी की अनुमति थी.
सभी आंशिक निकासी के लिए ग्राहकों की न्यूनतम सेवा अवधि घटाकर 12 महीने कर दी गई है.
'विशेष परिस्थितियां' के तहत बड़ी छूट
सबसे बड़ा बदलाव 'विशेष परिस्थितियां' विकल्प के तहत आया है. पहले इस श्रेणी में आंशिक पीएफ निकासी के लिए बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा या संस्थान के बंद होने जैसे विशिष्ट कारण बताने होते थे. अब, अंशधारक बिना कोई कारण बताए इस विकल्प के तहत आवेदन कर सकते हैं. इस कदम से आपातकाल की स्थिति में फंड तक पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा.
ऑनलाइन निकासी की प्रक्रिया
पीएफ की आंशिक निकासी के लिए अंशधारक यूएएन (UAN) और पासवर्ड का उपयोग करके ईपीएफओ पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं. 'ऑनलाइन सेवाएं' के तहत 'क्लेम' विकल्प चुनकर, विवरण सत्यापित करने के बाद 'पीएफ एडवांस (फॉर्म 31)' का चयन किया जाता है. निकासी का कारण और राशि दर्ज करने के बाद आधार ओटीपी के माध्यम से सत्यापन करके आवेदन जमा किया जा सकता है. यह बदलाव ईपीएफओ की ग्राहक-केंद्रित पहल को दर्शाता है, जिसका उद्देश्य अंशधारकों को उनके फंड का उपयोग करने में अधिक लचीलापन प्रदान करना है, खासकर आपातकालीन और महत्वपूर्ण आवश्यकताओं के दौरान. साथ ही, यह सुनिश्चित किया गया है कि फंड का एक हिस्सा उच्च ब्याज दर पर बना रहे ताकि दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.