बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महागठबंधन दोनों खेमों में सीटों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान तेज हो गई है। 243 सीटों पर होने वाले चुनाव से पहले, एनडीए में जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी और खासकर चिराग पासवान अपनी मांगों पर अड़े हुए थे। हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी और चिराग पासवान के बीच सीटों के तालमेल को लेकर एक बड़ी डील लगभग तय हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान बिहार में 26 से 28 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत हो गए हैं। यह संख्या उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक जीत हो सकती है।
नाराजगी की अटकलों के बीच चिराग के घर पहुंचे मंत्री
सीटों को लेकर चिराग पासवान की एनडीए में नाराजगी की अटकलों के बीच, बिहार सरकार के मंत्री चित्यानंद राय गुरुवार दोपहर को चिराग पासवान के आवास पर पहुंचे। इस मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। मुलाकात के बाद चित्यानंद राय ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमारे भी अभिभावक और चिराग के भी अभिभावक इसी घर में हैं। उनसे आशीर्वाद लेने आया था।" उन्होंने चिराग पासवान की माँ से मिलने के बाद नाराजगी की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "कौन कह दिया चिराग नाराज हैं। नाराज नहीं है।" इस बयान को एनडीए की एकता प्रदर्शित करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
बीजेपी के सीटिंग विधायकों की 4 सीटें बनीं मांग
हालांकि, सीटों की संख्या पर सहमति बनने के बावजूद, सीटों के नाम पर बवाल मच सकता है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि चिराग पासवान ने जिन सीटों पर दावेदारी की है, उनमें से चार सीटें सीधे तौर पर बीजेपी के मौजूदा विधायकों के पास हैं। चिराग ने कुल 5 सीटों पर विशेष दावेदारी पेश की है, जिनमें लालगंज, गोविंदगंज, दानापुर, मटिहानी और बखरी विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से मटिहानी सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटें वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास हैं। मटिहानी सीट पर अभी जनता दल यूनाइटेड (JDU) का कब्जा है। बीजेपी के सीटिंग विधायकों वाली सीटों की मांग करना एनडीए के लिए आंतरिक रूप से सीटिंग-शेयरिंग की चुनौती को बढ़ा सकता है।
सीटों के बंटवारे के मामले पर पूछे जाने पर चिराग पासवान ने संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "बातचीत जारी है। मेरे ऊपर कई जिम्मेदारी है। मंत्री होने के नाते मंत्रालय की जिम्मेदारी है।" हालांकि, वह पहले भी कई मंचों पर खुलकर सीटों को लेकर मुखर हो चुके हैं। इस बीच, एनडीए के अन्य सहयोगी जीतन राम मांझी भी 'महाभारत' शैली में सीटें मांग चुके हैं, जिससे सीटों के बंटवारे की अंतिम घोषणा तक सस्पेंस बना रहेगा।