मुंबई, 01 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका दौरे के दौरान भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावों को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का अमेरिका के साथ किसी भी व्यापारिक सौदे से कोई संबंध नहीं है। जयशंकर अमेरिका में न्यूजवीक मैगजीन के सीईओ देव प्रसाद के साथ एक इंटरव्यू में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि 9 मई की रात जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी, तब वे भी उसी कमरे में मौजूद थे। वेंस ने चेताया था कि पाकिस्तान भारत पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहा है। इस पर पीएम मोदी ने बिना किसी हिचक के जवाब दिया कि भारत जवाबी कार्रवाई करेगा।
जयशंकर ने बताया कि 10 मई की सुबह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पीएम मोदी से संपर्क किया और कहा कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है। इसके बाद पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई से संपर्क कर सीजफायर की पेशकश की थी। यह बयान ट्रम्प के उस दावे के उलट है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान को व्यापारिक समझौते रद्द करने की धमकी देकर उन्होंने युद्ध रुकवाया था। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि कूटनीति और व्यापार के मसले पूरी तरह अलग हैं। व्यापारिक फैसले पेशेवर लोग लेते हैं और वे व्यापारिक समझौतों, संख्याओं और उत्पादों पर केंद्रित रहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का आतंकवाद को लेकर रुख स्पष्ट है—आतंकवादियों को न तो बख्शा जाएगा और न ही उन्हें छिपाने वाले देशों को। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले को एक सोचा-समझा आर्थिक युद्ध करार दिया। उनका कहना था कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुआ हमला पर्यटन उद्योग को तबाह करने की नीयत से किया गया था, जिससे घाटी की अर्थव्यवस्था चरमरा जाए। आतंकियों ने जानबूझकर धार्मिक पहचान के आधार पर लोगों को निशाना बनाया ताकि सांप्रदायिक तनाव बढ़े और डर का माहौल बने।
जयशंकर ने यह भी कहा कि अब भारत न्यूक्लियर हथियारों की धमकी से डरने वाला देश नहीं है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत अब संयम का पाठ नहीं पढ़ेगा, अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो भारत भी सीधा जवाब देगा। उन्होंने कहा कि अब आतंकवादियों के साथ-साथ उन्हें पनाह देने वाले भी सुरक्षित नहीं रहेंगे। इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान सीजफायर का श्रेय खुद को देते हुए कहा कि उन्होंने अपने अधिकारियों को भारत और पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक समझौते रद्द करने का निर्देश दिया था। ट्रम्प के मुताबिक यह धमकी ही थी, जिसने दोनों देशों को युद्ध रोकने पर मजबूर किया।