झांसी न्यूज डेस्क: ग्राम माझगुवा, थाना बमीठा क्षेत्र में हुए एक हत्या के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा दी। अधिवक्ता वशिष्ठ नारायण श्रीवास्तव के अनुसार, 25 फरवरी 2025 को दोपहर लगभग 2 बजे मोहन पटेल अपने खेत के पास स्थित कुएं पर पहुंचे थे। वहां विशाली मिश्रा, अनारी मिश्रा और हरिराम मिश्रा मोटरपंप से सिंचाई कर रहे थे, जिसे मोहन ने यह कहते हुए बंद कर दिया कि उस दिन पानी की बारी उसकी है।
इसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया और आरोपियों ने गाली-गलौज करते हुए मोहन पर हमला कर दिया। आरोप है कि विशाली मिश्रा ने लोहे की रॉड से सिर पर वार किया, जबकि अनारी और हरिराम मिश्रा ने डंडों से गंभीर चोटें पहुंचाईं। घायल मोहन ने फोन पर अपनी पत्नी और बेटे को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजन व ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उसे अस्पताल ले जाया गया। शुरुआती बयान मोबाइल के जरिए दर्ज किए गए, लेकिन हालत बिगड़ने पर छतरपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां चिकित्सकों के प्रयास के बावजूद वह बयान देने की स्थिति में नहीं थे। इलाज के दौरान मोहन की मौत हो गई और मामला हत्या की धारा में परिवर्तित कर दिया गया।
अदालत में शासन की ओर से अधिवक्ता प्रवीण द्वेदी ने कठोर दंड की मांग रखी। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और दस्तावेज़ों को देखने के बाद न्यायालय ने यह माना कि तीनों आरोपियों ने मिलकर गंभीर अपराध को अंजाम दिया।
इसी आधार पर विशाली मिश्रा, हरिराम मिश्रा और जगप्रसाद उर्फ अनारी मिश्रा को हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई गई। अदालत ने साफ कहा कि इस तरह के अपराध पर सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि समाज में कानून का भय बना रहे।