झांसी न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के झांसी में निलंबित इंस्पेक्टर मोहित यादव एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। इस बार वजह उनकी पुलिस ड्यूटी नहीं, बल्कि उनकी चाय की दुकान है। मोहित यादव ने शहर के प्रमुख इलाइट चौराहे पर चाय की दुकान खोल ली है, जहां लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। उनका कहना है कि निलंबन की अवधि में वे सैलरी नहीं ले रहे हैं, इसलिए गुजारे के लिए यह काम कर रहे हैं। इससे पहले मोहित यादव उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए झांसी के नवाबाद थाने में जमीन पर बैठकर हंगामा किया था।
मोहित यादव का कहना है कि उन्हें गलत तरीके से निलंबित किया गया और उनके खिलाफ फर्जी आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनकी तैनाती क्राइम ब्रांच में थी, लेकिन लापरवाही के आरोपों के चलते उन्हें निलंबित कर दिया गया। कुछ दिन पहले उन्होंने झांसी पुलिस लाइन में हंगामा किया था और आरोप लगाया था कि वरिष्ठ अधिकारी उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, तो सुनवाई नहीं हुई, जिससे आहत होकर वह रोते हुए जमीन पर बैठ गए थे।
अब, निलंबन के बाद मोहित यादव ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चाय बेचने का फैसला किया है। वह खुले आसमान के नीचे गैस सिलेंडर और चूल्हे के साथ चाय बनाकर बेच रहे हैं। उनका कहना है कि नौकरी चले जाने के बाद भी परिवार चलाना जरूरी है, इसलिए उन्होंने यह काम शुरू किया। मोहित ने कहा, "मैं यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर हूं, लेकिन वर्तमान में सस्पेंड हूं। मुझे न्याय नहीं मिल रहा, मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए हैं और मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में मैं घर चलाने के लिए मेहनत कर रहा हूं।"
मोहित यादव के अनुसार, उनकी ट्रेनिंग जालौन में हुई थी, फिर कानपुर और झांसी में उनकी तैनाती रही। झांसी में यूनिवर्सिटी चौकी इंचार्ज से लेकर डीआईजी के पीआरओ तक का पद संभाल चुके हैं। प्रमोशन के बाद क्राइम ब्रांच में तैनात रहे, लेकिन फिर उन पर फर्जी जांचें खोल दी गईं और निलंबन कर दिया गया। उनका दावा है कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया। अब वह 10 रुपये की चाय बेचकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।