हाल ही में एक बेहद डरावनी घटना सामने आई है, जिसमें एक बोइंग 757-300 विमान के इंजन में उड़ान भरते वक्त आग लग गई। यह विमान ग्रीस के कोर्फू से जर्मनी के डसेलडोर्फ के लिए उड़ान भर रहा था। विमान में कुल 273 यात्री और 8 चालक दल के सदस्य सवार थे। अचानक विमान के दाहिने इंजन में आग लगने से यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जान को खतरा पैदा हो गया, लेकिन पायलट की सूझ-बूझ और काबिलियत से यह हादसा टल गया।
घटना का पूरा हाल
D-ABOK पंजीकरण वाला यह कोंडोर एयरवेज का बोइंग 757-300 विमान कोर्फू के रनवे 34 से टेक ऑफ कर चुका था। उड़ान के शुरुआती कुछ मिनटों में ही दाहिने इंजन (RB211 मॉडल) में गंभीर समस्या आई। अचानक तेज धमाके हुए और इंजन से आग की लपटें निकलने लगीं। विमान 1500 फीट की ऊंचाई पर था जब यह समस्या सामने आई।
पायलट ने तुरंत दाहिने इंजन को बंद कर दिया और विमान को एक ही इंजन के सहारे उड़ाते हुए 8,000 फीट की ऊंचाई तक ले गए। जहाज को सीधे कोर्फू एयरपोर्ट पर लौटाने के बजाय, पायलटों ने विमान का रुख इटली की तरफ मोड़ा। इस दौरान एयर ट्रैफिक कंट्रोल को इमरजेंसी अलर्ट कर दिया गया था।
इटली में सुरक्षित लैंडिंग
लगभग 30 मिनट की नर्वस उड़ान के बाद विमान ब्रिंडिसी एयरपोर्ट, इटली पर सुरक्षित लैंड कर गया। जहाज को इमरजेंसी लैंडिंग के लिए पूरी तैयारी के साथ जगह दी गई। विमान में मौजूद सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसके बाद यात्रियों को होटल में ठहराया गया क्योंकि उनका यात्रा कार्यक्रम बाधित हो गया था।
देरी और अगली उड़ान
इंजन में आग लगने के कारण विमान को डसेलडोर्फ की उड़ान रद्द करनी पड़ी। कोंडोर एयरवेज ने यात्रियों के लिए एक अन्य बोइंग 757-300 विमान भेजा, जिससे सभी यात्रियों को 15.5 घंटे की देरी के बाद डसेलडोर्फ पहुंचाया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी
स्थानीय लोगों और पर्यटकों द्वारा बनाए गए वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि विमान के इंजन से आग की चिंगारियां निकल रही थीं। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान बंदरगाह के ऊपर से गुजर रहा था, तभी उन्होंने तेज धमाके की आवाज सुनी। इस पूरे मामले में पायलट की त्वरित प्रतिक्रिया और कुशल निर्णय ने बड़े हादसे को टाल दिया।
कोंडोर एयरवेज की प्रतिक्रिया
कोंडोर एयरवेज ने एक बयान जारी कर यात्रियों से हुई असुविधा के लिए खेद जताया और बताया कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। बयान में यह भी कहा गया कि विमान को डसेलडोर्फ की उड़ान एक इंजन पर पूरी करना संभव नहीं था, इसलिए रूट बदलना आवश्यक था। कंपनी ने यह आश्वासन भी दिया कि सभी यात्रियों की देखभाल की गई और उन्हें उचित व्यवस्था मुहैया कराई गई।
विमान सुरक्षा और पायलट की भूमिका
इस घटना ने एक बार फिर पायलटों की भूमिका और विमान सुरक्षा प्रोटोकॉल की अहमियत को साबित किया है। इंजन में आग लगने जैसी गंभीर समस्या के बावजूद, पायलटों ने शांत दिमाग से स्थिति को नियंत्रित किया और विमान को सुरक्षित लैंड कराने में सफलता पाई। एक इंजन पर विमान उड़ाना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन प्रशिक्षित पायलटों की वजह से यह संभव हो पाया।
निष्कर्ष
273 यात्रियों और 8 क्रू मेंबर्स को लेकर उड़ान भरने वाले इस विमान के इंजन में आग लगना निश्चित ही एक खतरनाक स्थिति थी। लेकिन पायलटों की तत्परता, एयर ट्रैफिक कंट्रोल की मदद और यात्रियों की सुरक्षा के लिए की गई तैयारियों की बदौलत बड़ा हादसा टल गया। यह घटना हमें विमान सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन की महत्ता का एहसास कराती है।
आशा करते हैं कि आगे इस तरह की तकनीकी खराबियों को रोकने के लिए और बेहतर कदम उठाए जाएं ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। साथ ही, इस घटना से यह भी सीख मिलती है कि हर परिस्थिति में धैर्य और सतर्कता कितनी जरूरी होती है।