प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाल ही में ब्रिटेन दौरे के दौरान किंग चार्ल्स तृतीय के साथ एक ऐतिहासिक मुलाकात हुई। यह मुलाकात न सिर्फ दो देशों के रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत थी, बल्कि इसमें पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक संवाद और भावनात्मक रिश्तों का भी सुंदर समावेश देखने को मिला।
सैंड्रिंघम हाउस में भव्य स्वागत
ब्रिटेन के नॉरफ़ॉक स्थित शाही आवास सैंड्रिंघम हाउस में किंग चार्ल्स तृतीय ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इस मुलाकात की सबसे खास बात यह रही कि दोनों नेताओं ने मिलकर एक पौधा रोपित किया, जो प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से प्रेरित था।
शाही परिवार के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल The Royal Family से एक तस्वीर साझा की गई, जिसमें पीएम मोदी और किंग चार्ल्स तृतीय एक साथ पौधा लगाते दिखाई दे रहे हैं। पोस्ट में बताया गया कि, “किंग ने सैंड्रिंघम हाउस में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इस दौरान प्रधानमंत्री की पर्यावरणीय पहल ‘एक पेड़ मां के नाम’ से प्रेरित होकर किंग को एक पौधा भेंट किया गया, जो इस शरद ऋतु में लगाया जाएगा।”
‘एक पेड़ मां के नाम’: एक भावनात्मक और पर्यावरणीय पहल
प्रधानमंत्री मोदी की यह मुहिम देशभर में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह पहल हर नागरिक को अपनी मां के सम्मान में एक पौधा लगाने के लिए प्रेरित करती है। इस विचार ने न केवल देश में हरियाली बढ़ाने की दिशा में योगदान दिया है, बल्कि पारिवारिक मूल्यों को भी पुनर्जीवित किया है। इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस अभियान का जिक्र होना न केवल भारत के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि पर्यावरण की सुरक्षा कोई एक देश का कार्य नहीं, बल्कि यह एक वैश्विक जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया विशेष पौधा
इस मुलाकात में पीएम मोदी ने किंग चार्ल्स को जो पौधा उपहार में दिया, वह साधारण नहीं था। यह Sonoma और Handkerchief Tree के नाम से जाना जाता है, जो एक सजावटी पेड़ होता है। यह पौधा 2 से 3 सालों में एक सुंदर पेड़ में परिवर्तित हो जाता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसके पत्ते हैं, जो बिलकुल रूमाल की तरह दिखाई देते हैं। यह न सिर्फ पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी बनावट और आकर्षक पत्तों के कारण यह शाही उद्यानों की शोभा बढ़ाता है।
दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती
यह मुलाकात केवल सांकेतिक नहीं थी, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक, कूटनीतिक और भावनात्मक गहराई थी। प्रधानमंत्री मोदी और किंग चार्ल्स तृतीय के बीच हुए संवाद में दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, व्यापारिक और जलवायु मुद्दों पर भी चर्चा हुई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात आने वाले समय में भारत और ब्रिटेन के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगी।
शाही परिवार से मुलाकात
पीएम मोदी ने इस अवसर पर ब्रिटेन के शाही परिवार के अन्य सदस्यों से भी शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने न केवल गर्मजोशी से सभी का अभिवादन किया, बल्कि भारत की संस्कृति और प्रकृति संरक्षण के प्रयासों पर भी चर्चा की।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किंग चार्ल्स तृतीय की यह मुलाकात न सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात थी, बल्कि इसमें भविष्य की साझेदारी, पर्यावरणीय प्रतिबद्धता और आपसी सम्मान की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई दी। ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसी पहल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह इस बात का संकेत है कि वैश्विक मंचों पर भारत की नीतियों और पहलों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
इस ऐतिहासिक मुलाकात ने न केवल दोनों देशों के बीच रिश्तों को नई ऊर्जा दी है, बल्कि एक वैश्विक संदेश भी दिया है कि पर्यावरण की रक्षा और पारिवारिक मूल्यों का सम्मान हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।