पश्चिमी अफ्रीका के देश माली में 1 जुलाई 2025 को एक भयावह घटना घटी, जिसमें तीन भारतीय मजदूरों को डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में काम करते हुए आतंकियों ने अगवा कर लिया। इस घटना ने न केवल भारत सरकार को चिंतित कर दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता की लहर दौड़ गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर गहरी चिंता जताते हुए माली सरकार से तीनों भारतीय मजदूरों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने की अपील की है और बताया कि इस घटना की पूरी बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही है।
घटना का विवरण
माली के कायेस क्षेत्र में स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री पर तीन आतंकियों ने हमला किया और वहां काम कर रहे तीन भारतीय मजदूरों को अगवा कर लिया। इस हमले की जिम्मेदारी अफ्रीका के एक कुख्यात आतंकवादी संगठन जमात नुसरत अल इस्लाम वल मुस्लिमीन (JNIM) ने ली है। भारत सरकार ने इस हमले को एक घोर निंदनीय कृत्य बताया है और माली सरकार से आग्रह किया है कि वह तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कर भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव मदद देने के लिए तत्पर है और तीनों मजदूरों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।
जमात नुसरत अल इस्लाम वल मुस्लिमीन (JNIM) क्या है?
जमात नुसरत अल इस्लाम वल मुस्लिमीन, जिसे आमतौर पर JNIM के नाम से जाना जाता है, एक बेहद खतरनाक और तेजी से फैलता हुआ आतंकवादी संगठन है। यह संगठन अल-कायदा का अफ्रीकी उपखंड है, जो पश्चिमी अफ्रीका में सक्रिय है। JNIM का गठन 2 मार्च 2017 को कई अलग-अलग जिहादी समूहों के विलय से हुआ था, जिनमें सलाफी जिहादी, अंसार दीन, अल मौराबितौन, और इस्लामिक मगरेब शामिल हैं।
इस संगठन का नेतृत्व अब्देलमलेक ड्रूकडेल कर रहा है, जो अल-कायदा के शीर्ष नेता अयमान अल जवाहिरी के करीबी माने जाते हैं। JNIM अफ्रीका के कई देशों में सक्रिय है और यह स्थानीय क्षेत्रों में सख्त इस्लामी कानून लागू करता है, टैक्स वसूल करता है, और अपने नियंत्रण वाले इलाकों में 'विकेंद्रीकृत प्रोटो स्टेट मॉडल' संचालित करता है।
JNIM का प्रभाव क्षेत्र
जमात नुसरत अल इस्लाम वल मुस्लिमीन का प्रभाव माली के अलावा कई अन्य अफ्रीकी देशों में भी फैला हुआ है। ये देश हैं:
-
अल्जीरिया
-
नाइजर गणराज्य
-
लीबिया
-
मॉरिटानिया
-
ट्यूनीशिया
-
चाड
-
बुर्किना फासो
-
बेनिन
-
घाना
यह संगठन इन देशों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है, स्थानीय प्रशासन को चुनौती देता है और अपने धार्मिक एजेंडा को थोपता है।
संगठन की कार्यप्रणाली और विस्तार
JNIM एक विकेंद्रीकृत संगठन है, जो अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में सख्त इस्लामी कानून लागू करता है। यह स्थानीय जनता से जबरन टैक्स वसूलता है और उन क्षेत्रों में अपने नियम कानून लागू करता है। इसके साथ ही यह आतंकवादी हमलों और अपहरण जैसी हिंसक गतिविधियों में सक्रिय रहता है। 2020 की शुरुआत में इसे दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला आतंकवादी संगठन माना गया था।
संगठन की मुख्य रणनीति है अपने इलाकों में भय का माहौल कायम रखना, विदेशी नागरिकों और निवेशों को निशाना बनाना ताकि क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़े और वैश्विक समुदाय के लिए सुरक्षा खतरे पैदा हों।
माली में सुरक्षा स्थिति
माली पिछले कई वर्षों से अस्थिरता और आतंकवादी हमलों की चपेट में है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बलों के प्रयासों के बावजूद आतंकवादी संगठन वहां सक्रिय हैं। विदेशी कंपनियां और मजदूर भी अक्सर इनके निशाने पर आते हैं।
भारत के लिए माली में काम कर रहे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है क्योंकि आतंकवादी समूह स्थानीय प्रशासन को कमजोर करते रहते हैं और कई बार विदेशी नागरिकों को आतंकवादी गतिविधियों का निशाना बनाते हैं।
भारत सरकार की स्थिति और कार्रवाई
विदेश मंत्रालय ने तीन भारतीय मजदूरों के अपहरण की खबर के बाद तत्काल माली सरकार और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया। भारत ने अपनी तरफ से वहां तैनात दूतावास के माध्यम से स्थिति पर नजर रखी और लगातार संवाद बनाए रखा। साथ ही भारतीय मंत्रालय ने अपहरणकर्ताओं से आग्रह किया कि वे निर्दोष भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द रिहा करें।
भारत ने कहा है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कूटनीतिक और सुरक्षा सहयोग का सहारा लेगा। भारत सरकार का यह भी कहना है कि वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है और अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक हर कदम उठाएगी।
वैश्विक सुरक्षा पर असर
माली में इस प्रकार के आतंकवादी हमले और अपहरण न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को कमजोर करते हैं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों को भी बढ़ाते हैं। यह स्थिति विदेशी निवेशकों और मजदूरों के लिए जोखिम पैदा करती है, जिससे विकास परियोजनाएं प्रभावित होती हैं।
अफ्रीका के कई देशों में आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने से वहां की स्थिरता और विकास की संभावनाएं प्रभावित होती हैं। इस प्रकार के आतंकवादी संगठन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं।
निष्कर्ष
माली में भारतीय मजदूरों का अपहरण एक गंभीर सुरक्षा घटना है जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और कूटनीति की दिशा में नई चुनौतियां लेकर आई है। जमात नुसरत अल इस्लाम वल मुस्लिमीन जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर नकेल कसना वैश्विक स्तर पर आवश्यक हो गया है।
भारत सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करे। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी अफ्रीका में आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयास तेज करने होंगे ताकि ऐसे हमलों को रोका जा सके और निर्दोष नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सके।