मुंबई, 26 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक हजार साल पुराने दो शिव मंदिरों को लेकर शुरू हुआ तनाव लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा और इस संघर्ष में अब तक कुल 33 लोगों की जान जा चुकी है। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष में उसके 13 नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें 8 आम नागरिक और 5 सैनिक शामिल हैं। इसके अलावा 71 लोग घायल भी हुए हैं। वहीं थाईलैंड की ओर से भी 20 मौतों की पुष्टि हुई है, जिनमें 14 नागरिक और 6 सैनिक शामिल हैं। कंबोडिया ने थाईलैंड पर जानबूझकर हमला करने और उनकी संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने कहा कि मलेशिया की मध्यस्थता से 24 जुलाई की रात दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर सहमति बनी थी, लेकिन समझौते के एक घंटे के अंदर ही थाईलैंड ने अपना रुख बदल लिया और समझौते से पीछे हट गया।
इस पूरे मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने न्यूयॉर्क में एक आपात बैठक की, जिसमें सभी 15 सदस्य देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और इस तनाव का कूटनीतिक हल निकालने की अपील की। कंबोडिया के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत छेआ कीओ ने कहा कि उनका देश बिना शर्त युद्धविराम चाहता है और उनकी किसी तरह की आक्रमण की मंशा नहीं है क्योंकि वह एक छोटा देश है और उनके पास एयरफोर्स तक नहीं है। इस संघर्ष को देखते हुए थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर दी है। इसमें भारतीय नागरिकों से थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा से लगे सात राज्यों में न जाने की सलाह दी गई है। इन राज्यों में उबोन रत्चथानी, सुरिन, सिसाकेत, बुरीराम, सा काओ, चंथाबुरी और ट्राट शामिल हैं। साथ ही किसी भी आपात स्थिति में दूतावास से संपर्क करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
कंबोडिया ने पहली बार संघर्ष शुरू होने के बाद आधिकारिक रूप से हताहतों की संख्या बताई है। मंत्रालय ने कहा कि अब तक 13 लोगों की मौत और 71 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। सबसे अधिक नुकसान ओड्डार मीनचे प्रांत में हुआ है, जहां 22,000 से अधिक लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाना पड़ा है। वहीं प्रीह विहियर प्रांत से भी 10,000 से अधिक लोगों का पलायन हुआ है। कुल मिलाकर कंबोडिया में 35 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। इस बीच थाईलैंड के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेता ने आरोप लगाया है कि कंबोडिया ने सीमा पर एंटी-पर्सनल माइंस जानबूझकर बिछाई हैं ताकि थाईलैंड को हमले का बहाना मिल सके। उन्होंने दावा किया कि थाईलैंड ऐसी परिस्थितियां बना रहा है जिससे उसे हमला करने का आधार मिल जाए। वहीं, कंबोडिया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद को रक्षात्मक स्थिति में बताया है।