वैश्विक सर्राफा बाजार में शुक्रवार को बड़ी उथल-पुथल देखने को मिली है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान द्वारा लिए गए एक कड़े आर्थिक फैसले ने न्यूयॉर्क से लेकर नई दिल्ली तक सोने और चांदी की कीमतों को नीचे धकेल दिया है। बैंक ऑफ जापान (BoJ) द्वारा ब्याज दरों में की गई वृद्धि और अमेरिका से आए महंगाई के आंकड़ों ने निवेशकों के सेंटीमेंट को बदल दिया है।
बैंक ऑफ जापान का ऐतिहासिक फैसला
जापान के केंद्रीय बैंक ने अपनी पॉलिसी रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद अब दरें 0.75 फीसदी पर पहुंच गई हैं। यह पिछले 30 वर्षों (सितंबर 1995 के बाद) का उच्चतम स्तर है।
इसका असर क्यों पड़ा? जब जापान जैसे देश में ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो 'येन' (जापानी मुद्रा) मजबूत होती है। इससे 'येन कैरी ट्रेड' (कम ब्याज दर पर उधार लेकर अन्य संपत्तियों में निवेश) करने वाले निवेशक अपनी पोजीशन काटते हैं, जिसका सीधा दबाव सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों पर पड़ता है।
भारतीय वायदा बाजार (MCX) के ताजा आंकड़े
जापान के इस फैसले और वैश्विक रुझानों के कारण भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भी कीमती धातुओं के दाम लुढ़क गए हैं:
सोने की कीमत (Gold Price)
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शुरुआती गिरावट: सुबह के कारोबारी सत्र में सोना लगभग 747 से 846 रुपए तक सस्ता हुआ।
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लेवल: सोना 1,33,675 रुपए के निचले स्तर तक चला गया, जबकि इसकी ओपनिंग 1,34,021 रुपए पर हुई थी।
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तुलना: गुरुवार को सोना 1,34,082 रुपए पर बंद हुआ था।
चांदी की कीमत (Silver Price)
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गिरावट: चांदी में भी जबरदस्त बिकवाली देखी गई। सुबह के समय चांदी 420 रुपए गिरकर 2,03,145 रुपए पर कारोबार कर रही थी।
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निचला स्तर: कारोबारी सत्र के दौरान चांदी गिरकर 2,02,656 रुपए तक पहुंच गई थी, जो पिछले बंद के मुकाबले करीब 900 रुपए की बड़ी गिरावट थी।
गिरावट के पीछे अन्य प्रमुख कारण
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अमेरिकी महंगाई में नरमी: अमेरिका में नवंबर महीने के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आंकड़े उम्मीद से कम रहे। अमेरिकी महंगाई दर 2.7 फीसदी दर्ज की गई, जबकि अनुमान 3.1 फीसदी का था। महंगाई कम होने से फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो जाती है, जो सोने की कीमतों के लिए नकारात्मक है।
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डॉलर इंडेक्स में मजबूती: डॉलर इंडेक्स में 0.10 फीसदी की वृद्धि हुई, जिससे यह एक सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना डॉलर में ट्रेड होता है, इसलिए डॉलर के मजबूत होने पर सोना महंगा हो जाता है और मांग घट जाती है।
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सुरक्षित निवेश से मोहभंग: जापान और अमेरिका के आर्थिक परिदृश्य में आए बदलावों के कारण निवेशक अब सुरक्षित निवेश (Gold) के बजाय करेंसी और बॉन्ड मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं।
निष्कर्ष: आगे क्या होगा?
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी की कीमतों में वर्तमान गिरावट एक 'शॉर्ट-टर्म करेक्शन' हो सकती है। आने वाले दिनों में जब तक बैंक ऑफ जापान और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों में स्पष्टता नहीं आती, तब तक कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। भारतीय बाजार में शादियों के सीजन के कारण मांग बनी रह सकती है, जो कीमतों को एक निश्चित स्तर पर सहारा दे सकती है।