सरकारी तेल कंपनी ONGC के शेयरों में सोमवार को लगातार चौथे दिन दबाव देखने को मिला। सोमवार की ट्रेडिंग में ONGC का शेयर करीब $3\%$ टूटकर ₹230 के आसपास आ गया, जिससे निवेशकों की चिंता और गहरी हो गई।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख वजहें हैं। निवेशक फिलहाल कंपनी के भविष्य के उत्पादन स्तर, कच्चे तेल की कीमतों के आउटलुक और सब्सिडियरी कंपनियों के बढ़ते कर्ज को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।
ब्रोकरेज हाउस ने क्यों दिया SELL कॉल?
आशंकाओं को तब और बल मिला जब एक्सिस कैपिटल (Axis Capital) ने ONGC पर कवरेज शुरू करते हुए स्टॉक को 'सेल' रेटिंग दी है।
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टारगेट प्राइस: ब्रोकरेज हाउस ने इसका टारगेट प्राइस ₹205 तय किया है, जिसका मतलब है कि मौजूदा स्तर से शेयर में आगे भी गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
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चुनौतियाँ: ब्रोकरेज का मानना है कि ONGC के सामने आने वाले समय में उत्पादन और कीमतों के मोर्चे पर कई गंभीर चुनौतियाँ बनी रह सकती हैं।
उत्पादन घटने से बढ़ी चिंता
ONGC की सबसे बड़ी और दीर्घकालिक परेशानी उसका गिरता हुआ तेल और गैस उत्पादन है।
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पुराने क्षेत्र: कंपनी का ज्यादातर घरेलू उत्पादन पुराने तेल क्षेत्रों से आता है, जैसे कि मुंबई ऑफशोर क्षेत्र (जो लगभग $50$ साल पहले खोजा गया था)। इन क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से हर साल उत्पादन में गिरावट आती है।
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सुधार के प्रयास: हालाँकि कंपनी ने इस क्षेत्र में सुधार के लिए BP के साथ करार किया है, लेकिन इसके बावजूद अगले कुछ सालों में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है। उत्पादन में लगातार कमजोरी ONGC के राजस्व को सीधे तौर पर प्रभावित करेगी।
कच्चे तेल की कीमतों से भी झटका
ONGC की कमाई काफी हद तक कच्चे तेल की ग्लोबल कीमतों पर निर्भर करती है।
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सप्लाई-डिमांड दबाव: ग्लोबल स्तर पर तेल की सप्लाई बढ़ने और डिमांड कमजोर रहने की वजह से कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
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कमजोर आउटलुक: अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में तेल की सप्लाई तेजी से बढ़ेगी, जबकि मांग की रफ्तार धीमी रह सकती है। इसी वजह से ब्रोकरेज हाउस ने तेल की कीमतों का आउटलुक कमजोर माना है, जिससे ONGC के मुनाफे पर असर पड़ना तय है।
एक्सिस कैपिटल का अनुमान है कि FY25 से FY27 के बीच ONGC के स्टैंडअलोन मुनाफे में करीब $20\%$ की गिरावट आ सकती है। इसके अलावा, मौजूदा वैल्यूएशन भी ब्रोकरेज को महंगा लग रहा है, क्योंकि शेयर अपने लंबे समय के औसत से ऊपर ट्रेड कर रहा है।
सब्सिडियरी कंपनियों का बढ़ता कर्ज
ONGC की दो बड़ी सब्सिडियरी कंपनियां ONGC विदेश (OVL) और ONGC पेट्रो एडिशंस लिमिटेड (OPaL) भी चिंता का कारण बनी हुई हैं। इन कंपनियों पर भारी कर्ज है और उनकी कमाई इतनी मजबूत नहीं है कि वे आसानी से ब्याज और कर्ज चुका सकें। ऐसे में आने वाले समय में ONGC को इन कंपनियों को आर्थिक मदद देनी पड़ सकती है, जिससे पैरेंट कंपनी पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव बनेगा।