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EPFO: 2030 में रिटायर होने वाले प्राइवेट कर्मचारियों को हर महीने मिलेंगे इतने रुपये, ऐसे करे कैलकुलेशन

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Posted On:Monday, December 15, 2025

प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के मन में अक्सर बुढ़ापे की सुरक्षा को लेकर एक डर बना रहता है। लेकिन, अगर आपका पीएफ (PF) कटता है, तो आपको निराश होने की जरूरत नहीं है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की इम्प्लॉईज पेंशन स्कीम (EPS) प्राइवेट नौकरीपेशा लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

अगर आप आने वाले कुछ सालों में, मान लीजिए $2030$ में रिटायर होने की योजना बना रहे हैं, तो हम आपको बताएँगे कि रिटायरमेंट के बाद वास्तव में आपके हाथ में हर महीने कितनी पेंशन आएगी और इसका हिसाब कैसे लगाया जाता है।

सैलरी से कटने वाला पैसा ही बनता है बुढ़ापे का सहारा

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि पेंशन का पैसा आता कहाँ से है।

जब हर महीने आपकी सैलरी से पीएफ का पैसा कटता है, तो उसका एक हिस्सा आपके भविष्य निधि (EPF) में जमा होता है। लेकिन, कंपनी के योगदान का एक बड़ा भाग ($8.33\%$) इम्प्लॉईज पेंशन स्कीम (EPS) में जाता है। यही जमा पूंजी बाद में पेंशन का रूप लेती है।

पेंशन के लिए शर्तें:

  • पेंशन का हकदार बनने के लिए कम से कम $10$ साल की नौकरी (पेंशन योग्य सेवा) होनी चाहिए।

  • आमतौर पर $58$ साल की उम्र में पूरी पेंशन मिलती है।

  • अगर कोई चाहे तो $50$ साल की उम्र से भी कम पेंशन (Reduced Pension) लेना शुरू कर सकता है।

पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला

ईपीएफओ द्वारा तय किया गया पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला बेहद सीधा है, हालांकि इसमें एक महत्वपूर्ण सीमा (Cap) लागू होती है।

पेंशन कैलकुलेशन फॉर्मूला:

$$\text{मासिक पेंशन} = \frac{\text{पेंशन योग्य सैलरी} \times \text{नौकरी के कुल साल}}{70}$$

ध्यान देने योग्य बातें:

  1. पेंशन योग्य सैलरी की सीमा: पेंशन की गणना के लिए आपकी अधिकतम सैलरी की सीमा (Basic Salary + DA) ₹15,000 प्रति माह मानी गई है। यानी अगर आपकी बेसिक सैलरी इससे ज्यादा भी है, तो भी कैलकुलेशन ₹15,000 पर ही होगा।

  2. नौकरी के साल: नौकरी के साल का मतलब है कि आपने कितने साल ईपीएस में योगदान दिया है।

$2030$ में रिटायरमेंट पर कितनी बनेगी रकम?

इस पूरे गणित को एक आसान उदाहरण से समझते हैं।

मान लीजिए एक कर्मचारी हैं कन्हैया, जो साल $2030$ में रिटायर होने वाले हैं। उस समय तक उनकी कुल नौकरी $25$ साल की हो जाएगी। चूंकि पेंशन की गणना के लिए अधिकतम सैलरी ₹15,000 फिक्स है, तो कन्हैया की पेंशन कुछ इस तरह बनेगी:

$$\text{पेंशन} = \frac{₹15,000 (\text{सैलरी}) \times 25 (\text{साल})}{70}$$

कन्हैया की मासिक पेंशन: $\approx ₹5,357$ (लगभग)

इस हिसाब से कन्हैया को रिटायरमेंट के बाद हर महीने करीब ₹5,357 की पेंशन मिलेगी।

पेंशन शुरू करने की उम्र:

  • अगर कन्हैया $58$ साल का इंतजार नहीं करते और $50$ साल की उम्र से पेंशन लेना शुरू करते हैं, तो उन्हें हर साल $4\%$ कम पेंशन मिलेगी।

  • वहीं, अगर वो $58$ के बजाय $60$ साल तक पेंशन को टालते हैं, तो उनकी पेंशन राशि बढ़कर मिलेगी।


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