ताजा खबर

‘गब्बर सिंह टैक्स के 8 साल, बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है गलत जीएसटी’, सरकार पर राहुल गांधी का हमला

Photo Source :

Posted On:Wednesday, July 2, 2025

देश में जीएसटी लागू हुए आठ साल पूरे होने को हैं, लेकिन इस दौरान इसे लेकर विवाद भी कम नहीं हुए। हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जीएसटी की व्यवस्था पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि आठ साल बाद भी मोदी सरकार ने जीएसटी में कोई ठोस सुधार नहीं किया है और यह अब एक आर्थिक अन्याय तथा कॉर्पोरेट परिवारों के पक्ष में काम करने वाला एक क्रूर हथियार बन गया है। राहुल गांधी के अनुसार यह व्यवस्था गरीबों को दंडित करने, एमएसएमई को दबाने, राज्यों को कमजोर करने और प्रधानमंत्री के कुछ अरबपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनायी गयी है।

राहुल गांधी ने जीएसटी व्यवस्था पर उठाए गंभीर सवाल

राहुल गांधी ने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था तो इसे एक “सरल और बेहतर टैक्स सिस्टम” के रूप में पेश किया गया था, लेकिन वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत रही। भारत को पांच स्लैब वाली जटिल व्यवस्था मिली है, जिसे अब तक 900 से ज्यादा बार संशोधित किया जा चुका है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कारमेल पॉपकॉर्न और क्रीम जैसे उत्पाद भी जीएसटी के जाल में फंस गए हैं। नौकरशाही इस प्रणाली को कॉर्पोरेट्स के पक्ष में इस्तेमाल कर रही है, जिनके पास बड़े स्तर पर अकाउंटेंट्स की टीम होती है, जबकि छोटे व्यापारियों और एमएसएमई इस जटिलता और लालफीताशाही में फंसे हुए हैं।

राहुल ने जीएसटी पोर्टल को “दैनिक उत्पीड़न का स्रोत” बताया और कहा कि इस पर काम करना आम व्यापारियों के लिए बेहद मुश्किल हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल जैसे जरूरी ईंधन को जानबूझकर जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है, जिससे किसानों, ट्रांसपोर्टरों और आम जनता को भारी परेशानी हो रही है।

एमएसएमई और छोटे कारोबारियों को हुआ बड़ा नुकसान

राहुल गांधी ने कहा कि देश के सबसे बड़े रोजगारदाता एमएसएमई सेक्टर को इस व्यवस्था से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जीएसटी लागू होने के बाद करीब 18 लाख छोटे उद्यम बंद हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता चाय से लेकर स्वास्थ्य बीमा तक हर चीज पर टैक्स दे रही है, जबकि बड़े कॉर्पोरेट्स हर साल 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर छूट का लाभ उठा रहे हैं।

जीएसटी बकाया को राजनीतिक हथियार बनाया गया

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने जीएसटी के बकाए को गैर-भाजपा शासित राज्यों को दंडित करने के लिए इस्तेमाल किया है। यह मोदी सरकार के संघीय विरोधी एजेंडे को दर्शाता है। उनका कहना है कि जीएसटी का मूल उद्देश्य भारत के बाजारों को एकीकृत करना और टैक्स स्लैब को सरल बनाना था, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप, खराब कार्यान्वयन और नौकरशाही के अतिरेक ने इस प्रणाली को पूरी तरह विफल बना दिया।

राहुल गांधी की मांग

राहुल गांधी ने सरकार से अपील की है कि वह ऐसी कर प्रणाली लागू करे जो सभी के लिए समान रूप से काम करे, न कि केवल कुछ चुनिंदा विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों के लिए। उन्होंने कहा कि छोटे दुकानदारों से लेकर किसान तक हर भारतीय देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहता है, लेकिन वर्तमान जीएसटी व्यवस्था इस रास्ते में बाधा बन रही है।

निष्कर्ष

जीएसटी लागू हुए आठ सालों में इस व्यवस्था ने कई फायदे जरूर दिए हैं, जैसे कर संग्रह में सुधार और देश में एक टैक्स प्रणाली लाने का प्रयास। लेकिन आलोचनाएं भी उतनी ही तेज़ हैं, खासकर इस बात को लेकर कि यह व्यवस्था छोटे कारोबारियों और राज्यों के लिए बोझ बन गई है। राहुल गांधी के बयान से यह साफ होता है कि जीएसटी में सुधार की काफी आवश्यकता है ताकि यह प्रणाली और अधिक पारदर्शी, सरल और सभी हितधारकों के लिए लाभकारी बन सके।

देश की अर्थव्यवस्था के लिए जीएसटी एक महत्वपूर्ण सुधार था, लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार इसे राजनीतिक हितों से ऊपर उठाकर आम लोगों, छोटे व्यापारियों और राज्यों की भलाई के लिए और अधिक सुगम और निष्पक्ष बनाये। तभी यह ‘गुड एंड सिम्पल टैक्स’ का सपना साकार होगा।


झाँसी, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. jhansivocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.