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‘डरने की कोई बात नहीं…’, अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना, यात्री जान लें सभी जरूरी बातें

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Posted On:Wednesday, July 2, 2025

अमरनाथ यात्रियों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। 2 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों का पहला जत्था भगवती नगर बेस कैंप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले उपराज्यपाल ने जम्मू के आधार शिविर यात्री निवास में पूजा-अर्चना की, जो यात्रा की शुरुआत का शुभ संकेत माना गया। इस दौरान तीर्थयात्रियों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। उन्होंने ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयकारे लगाकर अपनी खुशी जाहिर की। पिछले साल पहलगाम में हुए आतंकी हमले के कारण श्रद्धालुओं के मन में कुछ डर था, लेकिन इस बार सुरक्षा के सख्त इंतजाम देखकर वह घबराहट काफी हद तक कम हो गई है।

श्रद्धालुओं में जोश और उम्मीद

22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद अमरनाथ यात्रा के रजिस्ट्रेशन में कमी आई थी। इस हमले ने श्रद्धालुओं के मन में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी थी। लेकिन आज पहले जत्थे के लोग सुरक्षा व्यवस्था देखकर काफी संतुष्ट नजर आए। दिल्ली से आए श्रद्धालु शालू ने ANI से बातचीत में कहा, “हम लोग बहुत खुश हैं। हम साल भर इसी यात्रा का इंतजार करते हैं। खाना-पीना और रहने की व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं। अब डरने की कोई बात नहीं है, सुरक्षा व्यवस्था बहुत मजबूत है।”

सुविधाओं में सुधार के साथ शुरू हुई यात्रा

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि इस बार तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्थाएं पहले से बेहतर की गई हैं। उन्होंने बताया कि गुफा तक पहुंचने वाले दोनों मार्गों की चौड़ाई पहले 6 फीट थी, जो अब 12 फीट कर दी गई है। इससे यात्रियों को आवागमन में अधिक सुविधा होगी। साथ ही, मार्ग पर पहले अंधेरा रहता था, अब पूरे रास्ते ग्रिड कनेक्टिविटी के कारण रोशनी उपलब्ध है, जिससे रात में भी यात्रा करना आसान हो गया है।

उन्होंने प्रशासन, अमरनाथ श्राइन बोर्ड और स्थानीय लोगों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि इस बार हर स्तर पर तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

भाजपा नेता सत शर्मा का संदेश

अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर भाजपा नेता सत शर्मा ने भी यात्रा के महत्व और सुरक्षा पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हजारों श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर आए हैं। पहलगाम हमले के बाद माहौल अलग था, लेकिन अब हम देख रहे हैं कि श्रद्धालु ‘बाबा भोले’ के जयकारे लगा रहे हैं, जिससे पता चलता है कि लोगों का भरोसा बढ़ा है और वे सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।”

यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

अमरनाथ यात्रा आधिकारिक रूप से 3 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है, हालांकि पहला जत्था 2 जुलाई को रवाना किया गया है। यात्रा से जुड़े किसी भी सवाल या जानकारी के लिए श्रद्धालु श्राइन बोर्ड की वेबसाइट https://jksasb.nic.in/ पर जा सकते हैं।

यात्रा के कन्फर्मेशन के लिए भी वेबसाइट पर नया लिंक जारी किया गया है, जहां यात्रा परमिट नंबर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और कैप्चा भरकर कन्फर्मेशन देख सकते हैं। यह व्यवस्था यात्रियों को उनकी यात्रा की स्थिति और परमिट के बारे में अपडेट देने के लिए बनाई गई है।

श्रद्धालु कैसे पहुंच सकते हैं?

अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं के पास तीन विकल्प हैं — सड़क मार्ग, हवाई मार्ग और रेलवे। सभी तरीकों की विस्तृत जानकारी श्राइन बोर्ड की वेबसाइट https://jksasb.nic.in/onlineservices/howtoreach.html पर उपलब्ध है। इसके अलावा पारंपरिक रास्ते का भी विवरण दिया गया है, जो पहलगाम और बालटाल रूट से गुफा तक जाता है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

इस बार यात्रा बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से शुरू होगी। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग तीर्थयात्रियों का मुख्य रास्ता है, जिस पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। पूरे रास्ते में पैदल चलने वालों की सुरक्षा के लिए पुलिस और सुरक्षा बल तैनात हैं। साथ ही, यात्रा मार्ग पर हर जगह आपातकालीन हेल्पलाइन और मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई है ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने ड्रोन निगरानी, थर्मल कैमरे और सीसीटीवी कैमरों के जरिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। साथ ही, यात्री शिविरों और कैंपों में भी 24 घंटे सुरक्षा बल मौजूद रहेंगे। मेडिकल सुविधाएं और आपातकालीन सेवाएं भी बेहतर स्तर पर हैं।

यात्रियों की जिम्मेदारी

यात्रियों से भी अपील की गई है कि वे यात्रा के दौरान सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें, अपने साथ निर्धारित सामान ही ले जाएं, और यात्रा को सुरक्षित और सुखद बनाने में प्रशासन का सहयोग करें। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सतर्क रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

निष्कर्ष

अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखती है। इस बार पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा को लेकर लोगों में आशंकाएं थीं, लेकिन जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए यात्रा को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

तीर्थयात्रियों के उत्साह और प्रशासन की मजबूत तैयारी से यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान बनेगी, बल्कि एक बार फिर से भरोसे का प्रतीक भी साबित होगी। श्रद्धालुओं के लिए यह समय न केवल आध्यात्मिक शांति का होगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है।

इस तरह, अमरनाथ यात्रा 2025 अपने पूरे गौरव के साथ शुरू हो चुकी है और लाखों श्रद्धालु बाबा भोले के दर्शन के लिए निकल चुके हैं। हम सबको यही कामना करनी चाहिए कि यह यात्रा बिना किसी अप्रिय घटना के सफलतापूर्वक पूरी हो।
जय भोलेनाथ!


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