झांसी न्यूज डेस्क: पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ तेज कार्रवाई की मांग अब ज़ोर पकड़ने लगी है। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के प्रमुख अमिताभ ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विजिलेंस निदेशक को चिट्ठी लिखकर इस केस में तुरंत कदम उठाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने जांच में लापरवाही और अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।
अमिताभ ठाकुर ने अपने पत्र में बताया कि दीप नारायण सिंह के खिलाफ अप्रैल 2021 में आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू की गई थी। जांच में पता चला कि उनकी कुल आय 14.3 करोड़ थी जबकि संपत्ति 37.3 करोड़ की पाई गई। यानी करीब 23 करोड़ रुपए की संपत्ति उनके ज्ञात स्रोतों से अधिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि एफआईआर दर्ज हुए तीन साल हो चुके हैं लेकिन अब तक जांच ढंग से आगे नहीं बढ़ पाई है, जिससे संदेह और सवाल दोनों खड़े हो रहे हैं।
ठाकुर ने यह भी कहा कि कानपुर सेक्टर के विजिलेंस अफसरों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। उन्होंने दावा किया कि जांच में जानबूझकर ढिलाई बरती जा रही है और आरोपी के पक्ष में नरमी बरती जा रही है। उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए और इसमें किसी भी तरह की राजनीतिक या व्यक्तिगत रियायत न दी जाए।
गौरतलब है कि दीप नारायण सिंह यादव पहले भी विवादों में रहे हैं। एक कुख्यात अपराधी को पुलिस अभिरक्षा से भगाने के मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। इस मामले के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए सवा महीने के अंदर उनकी करीब 367 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर दी थी। बुंदेलखंड की राजनीति में दीप नारायण सिंह को एक बड़ा चेहरा माना जाता है और वह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं।