झांसी न्यूज डेस्क: झांसी में एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को कोर्ट में झूठे सबूत देने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया। मनोज नगरिया नाम के इस शिक्षक ने रेप के आरोपी को बचाने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश किए थे। जब कोर्ट को इसकी सच्चाई पता चली, तो उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को शिक्षक पर कार्रवाई के आदेश दिए। इसके बाद BSA विपुल शिवसागर ने उन्हें निलंबित कर दिया और जांच के निर्देश दिए।
यह मामला 9 साल की एक बच्ची से दुष्कर्म से जुड़ा है। 14 फरवरी 2023 को जब वह स्कूल से घर लौट रही थी, तब आरोपी राधे पुरोहित ने उसे खेत में ले जाकर उसके साथ गलत काम किया। आरोपी ने बच्ची को धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया, तो वह उसे जान से मार देगा। बच्ची ने हिम्मत जुटाकर अपनी मां को सब कुछ बता दिया, जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी ने खुद को बचाने के लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक को गवाह के रूप में पेश किया। मनोज नगरिया ने उपस्थिति पंजिका दिखाई और दावा किया कि बच्ची उस दिन स्कूल ही नहीं आई थी। जांच में पाया गया कि उन्होंने गलत तरीके से दस्तावेज तैयार किए थे और यहां तक कि रविवार को भी अनुपस्थिति दर्ज कर दी थी।
कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए BSA को आदेश दिया कि शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इसके बाद मनोज नगरिया को पंडवाहा प्राथमिक विद्यालय में अटैच कर दिया गया और पूरे मामले की जांच गुरसराय खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दी गई है। अब इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।