झांसी न्यूज डेस्क: झांसी रेलवे स्टेशन से 69.78 लाख रुपये लेकर प्राइवेट कंपनी के कलेक्शन एजेंट अंशुल साहू फरार हो गया। उसे यह राशि बैंक में जमा करनी थी, लेकिन जब पैसा जमा नहीं हुआ, तो रेलवे और बैंक प्रशासन में हड़कंप मच गया। कंपनी मैनेजर ने नवाबाद थाना में अंशुल के खिलाफ अमानत में खयानत समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है।
अंशुल साहू पिछले एक साल से स्टेशन से नकद राशि लेकर भारतीय स्टेट बैंक की ग्वालियर शाखा में जमा करने का काम कर रहा था। 10 से 12 अक्तूबर तक टिकट बिक्री और जुर्माने की कुल राशि 69,78,642 रुपये थी। सोमवार को अंशुल पैसे जमा कराने गया, लेकिन देर शाम तक बैंक में राशि जमा नहीं हुई। मोबाइल बंद होने के कारण उसका कोई पता नहीं चल सका। इस पर कंपनी ने नवाबाद पुलिस को सूचित किया और एसपी सिटी प्रीति सिंह के अनुसार गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं।
रेलवे में नकदी चोरी का यह पहला मामला नहीं है। 2011 से लेकर अब तक कई बार रेलवे कैश गायब होने की घटनाएँ हो चुकी हैं। पहले सभी स्टेशनों से नकद झांसी लाकर बैंक में जमा कराया जाता था। 2011 और 2013 में कई बार हजारों रुपये गायब पाए गए। इसके बाद रेलवे ने मैनुअल कैश व्यवस्था बदलकर सीधे स्थानीय बैंक में जमा कराने की व्यवस्था शुरू की थी। इस नई व्यवस्था के तहत एसबीआई अपनी सिक्योरिटी फर्म के माध्यम से रेलवे नकदी बैंक में जमा कराता है और स्टाफ को रसीद और मैसेज भेजता है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमन वर्मा ने बताया कि अनुबंध में यह शर्त है कि यदि एजेंट नकदी जमा नहीं कराता है तो तीन दिन बाद बैंक स्वयं रेलवे नकदी जमा कराता है। हालांकि, इस बार अंशुल के फरार होने से रेलवे प्रशासन में हलचल मची है और मामले की जांच तेज कर दी गई है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही है।