झांसी न्यूज डेस्क: झांसी जेल में एक बार फिर से हलचल मच गई है, क्योंकि यहां माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद शिफ्ट किया गया है। लेकिन इस बार सबसे ज़्यादा परेशानी में हैं जेलर अंजनी कुमार गुप्ता, जो पहले भी नैनी जेल में अली की बैरक संभाल चुके थे। अंजनी कुमार ने कहा—“जिस बदमाश से परेशान होकर मैंने 400 किलोमीटर दूर ट्रांसफर कराया था, वो अब यहां भी आ गया। मैं तो साफ कहूंगा कि मुझे उसकी बैरक का चार्ज न दिया जाए।”
दरअसल, जून 2025 में नैनी जेल में अतीक के बेटे अली की बैरक से 1100 रुपए मिलने का मामला सामने आया था। उस वक्त अंजनी कुमार गुप्ता ही उसकी सुरक्षा देख रहे थे। जांच में उनका नाम सामने आने के बाद जुलाई 2025 में उन्हें झांसी जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। लेकिन अब विडंबना यह है कि अली को झांसी जेल में जिस बैरक में रखा गया है, उसी के इंचार्ज फिर से अंजनी कुमार गुप्ता ही बनाए गए हैं।
अली की झांसी जेल में शिफ्टिंग प्रयागराज के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह के अनुरोध पर हुई थी। उन्होंने डीजी जेल को लिखा था कि अली के कारण नैनी जेल में सुरक्षा को लेकर कई परेशानियां बढ़ रही हैं। शासन ने इस पर सहमति जताई और 1 अक्टूबर को अली को झांसी जेल भेज दिया गया। अली ने जेल बदले जाने पर कहा—“मुझे नहीं पता इतनी दूर क्यों भेजा गया, लेकिन मुझे डर है कि मैं यहां सुरक्षित रह पाऊंगा या नहीं।”
अली अहमद करीब तीन साल से नैनी जेल में बंद था। उसके पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की 2023 में हत्या हो चुकी है, जबकि मां शाइस्ता परवीन फरार हैं। अली ने जेल में रहते हुए कहा कि उसे झूठे मामलों में फंसाया गया है। झांसी जेल पहले भी कई कुख्यात अपराधियों जैसे मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी को रख चुकी है, जिसके चलते यहां सुरक्षा बेहद सख्त है।