झांसी न्यूज डेस्क: मथूपुरा के कुरार बांध से मंगलवार रात अचानक निकली माइनर पर पानी का दबाव इतना बढ़ गया कि वह ग्राम पंचायत घाटकोटरा के खेतों के पास फट गई। इस हादसे में रबी की गेहूं और लाही की फसलें पानी में डूब गईं। नहर का पानी गांव तक पहुंच गया और किसानों में भारी नाराजगी देखने को मिली। सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन मौके पर पहुंच गया। यह माइनर मथूपुरा कुरार बांध से पुरवा मौजे तक जाती है और इसके पानी से ढकरवारा, पठा, मथूपूरा, कदौरा, घाटकोटरा और पुरवा गांवों की सिंचाई होती है।
करीब डेढ़ साल से नहर की मरम्मत का काम चल रहा था, लेकिन गुणवत्ता में कमी के कारण ग्रामीण पहले भी शिकायत कर चुके थे। विभाग के अधिकारियों ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। मंगलवार दोपहर नहर में पानी छोड़ा गया और रात में बढ़ते दबाव के कारण नहर फट गई। इससे गेहूं और लाही की हरी-भरी फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गईं। बुधवार सुबह जब किसान खेतों पर पहुंचे तो बर्बाद फसलें देखकर हैरान रह गए। इसके बाद नहर को बंद कर दिया गया।
घाटकोटरा के किसान शत्रुघ्न सिंह कछुवाहे, सुदर्शन सिंह राजावत, विक्रम सिंह, बृजेंद्र सिंह और शुभम सिंह परिहार के खेतों में पानी भर गया और लगभग 22 बीघा फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं। किसानों ने सिंचाई विभाग और ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि हरमुख सिंह परिहार ने बताया कि मरम्मत के दौरान ग्रामीणों ने गुणवत्ता की शिकायतें की थीं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब नहर टूटने से किसानों के खेत पानी में डूब गए और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। पूरे इलाके में नाराजगी और चिंता का माहौल है।