झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के बंगरा ब्लॉक से जुड़े कुख्यात पूर्व ब्लॉक प्रमुख और गैंगस्टर लेखराज यादव की इलाज के दौरान दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में मौत हो गई। वह गाजियाबाद जेल में बंद था और गंभीर बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेखराज की मौत की खबर सामने आते ही उसके समर्थकों के बीच हलचल मच गई और सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी पोस्ट तेजी से वायरल होने लगीं।
लेखराज यादव का आपराधिक इतिहास काफी लंबा रहा है। मऊरानीपुर समेत कई थानों में उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में दर्जनों मुकदमे दर्ज थे। उस पर अपने बेटे, रानीपुर नगर पंचायत अध्यक्ष भगत सिंह यादव के साथ मिलकर एक भाजपा पार्षद से पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगने और मारपीट करने का भी आरोप था। मामला दर्ज होने के बाद पीड़ित को धमकाने और केस वापस लेने का दबाव बनाने की शिकायत भी सामने आई थी।
साल 2018 में लेखराज उस वक्त चर्चा में आया था, जब मध्य प्रदेश सीमा के पास पुलिस दबिश के दौरान उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी थी। इस मुठभेड़ में थाना प्रभारी और एक सिपाही घायल हो गए थे, जबकि पुलिस की निजी गाड़ी को भी नुकसान पहुंचा था। करीब आधे घंटे तक चली फायरिंग के बाद लेखराज अपने बेटे और साथियों के साथ मौके से फरार हो गया था।
इस पूरे मामले में उस समय बड़ा बवाल तब मचा था, जब एक इंस्पेक्टर और लेखराज के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था। वायरल ऑडियो में पुलिस अधिकारी द्वारा राजनीतिक रसूख का जिक्र और खुद को “हत्यारा” बताने जैसे बयान सामने आए थे। इसके बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया था और डीजीपी के आदेश पर संबंधित इंस्पेक्टर को पुलिस विभाग से हटा दिया गया था। लेखराज की मौत के साथ ही झांसी के आपराधिक इतिहास का एक चर्चित अध्याय खत्म हो गया।