2 दिसंबर से शुरू हुआ इंडिगो एयरलाइंस का संकट अब सिर्फ यात्रियों की परेशानी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उसने भारत के घरेलू क्रिकेट ढांचे को भी गहरा झटका दिया है। करीब 5000 फ्लाइट्स रद्द और हजारों लेट, ऐसे में घरेलू क्रिकेट सीजन के बीच टीमों, कोचों, अंपायरों और मैच रेफरीज़ के सफर पर बड़ा असर पड़ा है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि BCCI को शेड्यूल और मैच प्रबंधन तक में बदलाव करना पड़ा।
इंडिगो ने बिगाड़ा BCCI का पूरा गणित
बंगाल और गोवा के बीच कूच बिहार ट्रॉफी का मैच कल्याणी स्थित बंगाल क्रिकेट अकादमी में 8 दिसंबर से शुरू होना था। लेकिन इंडिगो की कोलकाता फ्लाइट लेट होने से सबसे पहले झटका ऑन-फील्ड अंपायर नितिन पंडित को लगा। वे तय समय पर नहीं पहुंच सके और उन्हें पहला पूरा सेशन मिस करना पड़ा।
हालत यह थी कि नितिन पंडित को बाद में सड़क मार्ग से कल्याणी पहुंचना पड़ा और जब तक वे पहुंचे, मैच में लंच ब्रेक हो चुका था। शुरुआती सेशन की जिम्मेदारी लोकल अंपायर प्रकाश कुमार को संभालनी पड़ी। यह स्थिति BCCI मैनुअल और ऑफिसियल टाइमिंग के हिसाब से बिल्कुल असामान्य मानी जाती है।
इसी बीच सामने आया कि बंगाल की पूरी टीम भी 30 घंटे बस यात्रा करके मैच स्थल तक पहुंची। उनकी फ्लाइट कैंसिल हो गई थी और मजबूरी में सड़क यात्रा करनी पड़ी। इतनी लंबी यात्रा के बाद खिलाड़ियों की फिटनेस और मानसिक तैयारी पर असर पड़ना तय था, लेकिन उन्होंने फिर भी समय पर मैच शुरू करने के लिए हामी भरी।
BCCI अधिकारी की प्रतिक्रिया
इंडिगो संकट पर BCCI ने भी आधिकारिक बयान दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना:“यात्रा में गंभीर अड़चनें आ रही हैं, सुधार की प्रक्रिया जारी है लेकिन अभी स्थिति सामान्य नहीं है। हमारा प्रयास है कि शेड्यूल जस का तस चले, लेकिन कुछ बदलाव आवश्यक हो सकते हैं। यानि BCCI भी मान चुका है कि उनकी योजनाओं और टाइमिंग को एयरलाइन क्राइसिस ने गहरा झटका दिया है।
कूच बिहार ट्रॉफी शेड्यूल में बदलाव
बंगाल–गोवा मैच तो समय पर शुरू हो गया, लेकिन ओडिशा और कर्नाटक के बीच मुकाबले में बदलाव करना पड़ा। बलांगीर में 8 दिसंबर को होने वाला मैच 9 दिसंबर पर शिफ्ट कर दिया गया। कारण— दोनों टीमों की फ्लाइट टाइमिंग में अचानक बदलाव और लगातार देरी। स्पष्ट है कि अब सिर्फ अंपायर और अफसर ही नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की यात्रा योजना पर भी दबाव बढ़ गया है।
क्रिकेट पर इतने गंभीर प्रभाव क्यों?
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खिलाड़ियों की ऑफ-डे तैयारी बिगड़ी
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लॉन्ग बस ट्रैवल से थकान और फिटनेस प्रभावित
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मैच ऑफिशियल्स समय पर मैदान तक नहीं पहुंच पा रहे
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बैक-टू-बैक मैच शेड्यूल अब जोखिम भरे हो रहे हैं
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BCCI को रिस्क मैनेजमेंट प्लान सक्रिय करना पड़ा
घरेलू टूर्नामेंट्स जैसे रणजी, कूच बिहार, विजय हजारे और सैयद मुश्ताक अली में लगातार यात्रा आवश्यक होती है। ऐसे में फ्लाइट नेटवर्क का ठप होना सीधे प्रदर्शन और आयोजन पर लगातार दबाव डाल रहा है।
क्या आगे भी होगा असर?
इंडिगो स्टाफ की कमी और लगातार कैंसिलेशन का मसला अभी पूरी तरह सुलझा नहीं है। अगर स्थिति ऐसे ही रही तो आने वाले सप्ताहों में कई और मैचों के टाइमिंग और यात्रा प्लान पर असर पड़ सकता है।
BCCI फिलहाल वैकल्पिक प्लान पर विचार कर रहा है—जैसे चार्टर बस, ट्रेनों और सीधी रोड फैसिलिटी का इस्तेमाल। लेकिन भारत जैसे बड़े देश में लगातार यात्रा करने वाली टीमों के लिए यह चुनौती आसान नहीं है।