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जेट से GDP तक…दुनिया का सबसे पावरफुल मुस्लिम देश कैसे बन गया सऊदी अरब?

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Posted On:Tuesday, November 18, 2025

सऊदी अरब, जनसंख्या के मामले में सबसे बड़ा मुस्लिम देश न होते हुए भी (इंडोनेशिया सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है), अब अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और धार्मिक मूल्यों के दम पर दुनिया का सबसे प्रभावशाली मुस्लिम राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के अनुसार, दुनिया में लगभग 50 मुस्लिम देश हैं, लेकिन सऊदी अरब कई प्रमुख क्षेत्रों में अपनी साख को तेजी से मजबूत कर रहा है। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की हालिया अमेरिका यात्रा, जहाँ वह रक्षा, निवेश और तकनीक को लेकर अहम डील कर सकते हैं, इस दिशा में एक और बड़ा कदम है।

मजबूत होती अर्थव्यवस्था: विजन 2030

सऊदी अरब की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में तेजी से वृद्धि हो रही है, जो उसे वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आर्थिक शक्ति बना रही है। तेल बहुल यह देश केवल तेल पर निर्भरता खत्म कर, विजन 2030 के तहत पर्यटन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और तकनीक जैसे क्षेत्रों में भारी निवेश कर रहा है।

देश 2025 अनुमानित GDP (ट्रिलियन USD)
तुर्की $1.4 ट्रिलियन
सऊदी अरब $1.27 ट्रिलियन
ईरान $436.91 बिलियन
पाकिस्तान $373.07 बिलियन

GDP बढ़ने के मुख्य कारक:

  • तेल उत्पादन: वैश्विक तेल की कीमतों में वृद्धि और निर्यात में बढ़ोतरी से तेल आय में सीधा उछाल।

  • आर्थिक विविधीकरण (Vision 2030): यह योजना पर्यटन, इन्फ्रास्ट्रक्चर (जैसे NEOM स्मार्ट सिटी, Red Sea पर्यटन परियोजना) और मनोरंजन जैसे गैर-तेल क्षेत्रों में निवेश बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है।

  • अंतरराष्ट्रीय निवेश: अमेरिका, चीन और यूरोपीय देशों के साथ बड़े व्यापार और निवेश समझौते, जिसने विदेशी पूंजी को आकर्षित किया है।

धार्मिक मूल्य और राजस्व

सऊदी अरब को दुनिया के मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है। यहाँ हर साल लाखों की तादाद में लोग हज और उमराह अदा करने आते हैं।

  • तीर्थयात्री संख्या: अल-अरेबिया के अनुसार, 2024 में 18.5 मिलियन (1 करोड़ 85 लाख से अधिक) तीर्थयात्रियों ने हज और उमराह किया।

  • राजस्व: स्टेटिस्टा की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, हज और उमराह से हर साल लगभग 12 अरब डॉलर का राजस्व जेनरेट होता है।

  • विजन 2030 लक्ष्य: सऊदी सरकार इस धार्मिक पर्यटन से होने वाले फायदे को और बढ़ाना चाहती है और 2030 तक धार्मिक पर्यटकों की संख्या को 30 मिलियन (3 करोड़) तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।

रक्षा क्षेत्र में मजबूती और परमाणु गारंटी

सऊदी अरब अपने रक्षा क्षेत्र को भी मजबूत कर रहा है ताकि वह क्षेत्रीय खतरों का सामना कर सके।

  • सैन्य ताकत: ग्लोबल फायरपावर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब दुनिया की 145 सैन्य ताकतों की सूची में 24वें स्थान पर है।

  • वायुसेना: रॉयल सऊदी एयर फोर्स (RSAF) के पास हजार से ज्यादा विमान हैं, जिनमें अमेरिका से लिए गए F-15E स्ट्राइक ईगल जैसे अत्याधुनिक जेट शामिल हैं।

  • रक्षा सौदे: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी को F-35 जेट देने पर सैद्धांतिक मंजूरी दी थी, जिससे उसकी हवाई क्षमता और बढ़ेगी।

  • परमाणु सुरक्षा: जहाँ ईरान परमाणु शक्ति बनने का ख्वाब देखता रहा, वहीं सऊदी ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए रक्षा समझौते के बाद अप्रत्यक्ष रूप से परमाणु गारंटी भी हासिल कर ली है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरण बदल रहे हैं।

इन सभी कारकों—तेजी से बढ़ती और विविधीकृत अर्थव्यवस्था, दुनिया भर के मुसलमानों के लिए धार्मिक केंद्र की भूमिका, और उन्नत सैन्य क्षमता—के कारण सऊदी अरब खुद को एक ऐसी वैश्विक और क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित कर रहा है जिसका प्रभाव निकट भविष्य में और बढ़ने वाला है।


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