हिंद महासागर में स्थित द्वीपीय देश मेडागास्कर (Madagascar) में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। देश के राष्ट्रपति आंद्रे राजो एलना (Andry Rajoelina) ने रविवार को एक गंभीर आरोप लगाते हुए बड़ा बयान दिया है कि देश में उनकी सरकार के खिलाफ तख्तापलट (Coup d'état) की कोशिश की जा रही है।
राष्ट्रपति राजो एलना ने खुलासा किया कि इस साजिश का पर्दाफाश शनिवार को हुआ, जब सेना की एक स्पेशल यूनिट के कुछ जवान देश में पिछले तीन हफ्तों से चल रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो गए।
उन्होंने कहा कि "कुछ लोग गैरकानूनी तरीके से सत्ता हथियाना चाहते हैं।" राष्ट्रपति ने इस कदम को देश की स्थिरता और कानून-व्यवस्था के लिए सीधा खतरा बताया है। उन्होंने जनता से एकजुट होने और देश के संविधान तथा कानून की रक्षा करने की अपील की है।
विरोध प्रदर्शनों की आग में सुलगा मेडागास्कर
मेडागास्कर पिछले तीन हफ्तों से विरोध प्रदर्शनों की चपेट में है। सड़कों पर उतरने वाले इन प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से जेनड मेडागास्कर (Gen-Z Madagascar) नामक युवाओं का समूह शामिल है। यह समूह सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए लगातार प्रदर्शन कर रहा है।
विरोध प्रदर्शनों के मुख्य कारण:
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बुनियादी सुविधाओं का अभाव: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवा जैसी बुनियादी चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं, जिससे आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
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भ्रष्टाचार के आरोप: सरकार पर भ्रष्टाचार करने और सत्ता में बैठे लोगों पर अपने निजी हितों और अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। प्रदर्शनकारी सत्ता के दुरुपयोग और देश के संसाधनों की लूट का विरोध कर रहे हैं।
राष्ट्रपति राजो एलना को 2018 में फिर से राष्ट्रपति चुना गया था, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान देश में आर्थिक अस्थिरता और जीवनयापन की लागत में वृद्धि हुई है, जिससे जनता में असंतोष लगातार बढ़ रहा है।
सेना के दखल से बढ़ा संकट
राष्ट्रपति के बयान से यह स्पष्ट होता है कि देश में जारी विरोध प्रदर्शन अब केवल नागरिक अशांति तक सीमित नहीं रहे हैं, बल्कि उन्हें सैन्य समर्थन भी मिलने लगा है। सेना की स्पेशल यूनिट के जवानों का प्रदर्शनकारियों के साथ जुड़ना राष्ट्रपति के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
सैन्य हस्तक्षेप का इतिहास मेडागास्कर में अस्थिरता का संकेत देता है। 2009 में, तत्कालीन राष्ट्रपति मार्क रावलोमानना को एक सैन्य समर्थित विरोध के बाद हटा दिया गया था, जिसके बाद आंद्रे राजो एलना सत्ता में आए थे। अब, जब उन्हीं के खिलाफ सैन्य गुटों के शामिल होने के आरोप लग रहे हैं, तो देश में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता का माहौल पैदा हो गया है।
राष्ट्रपति ने देशवासियों से "एकजुट होकर कानून और देश की रक्षा करने" की अपील करके स्पष्ट कर दिया है कि वह इस खतरे से अवगत हैं और देश को संवैधानिक रास्ते पर बनाए रखने के लिए जन समर्थन चाहते हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि मेडागास्कर एक नाजुक दौर से गुजर रहा है, जहाँ देश का भविष्य आने वाले कुछ ही दिनों में सेना और प्रदर्शनकारियों के रुख पर निर्भर करेगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।