जापान में सोमवार देर रात आए शक्तिशाली भूकंप ने देश के उत्तरी और तटीय क्षेत्रों में बड़े खतरे का संकेत दे दिया है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) के अनुसार, आओमोरी प्रांत के पूर्वी तट के पास 7.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसके बाद आओमोरी, इवाते और होक्काइडो प्रांतों के तटीय हिस्सों में तुरंत सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई। रात 11:15 बजे आए इस भूकंप ने विशेष रूप से उत्तरी प्रशांत इलाके में समुद्री गतिविधि को तेज कर दिया है और लहरों की ऊंचाई में खतरनाक वृद्धि की आशंका जताई जा रही है।
3 मीटर ऊंची लहरों का खतरा
JMA ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इवाते प्रांत, होक्काइडो के मध्य प्रशांत हिस्सों और आओमोरी प्रांत के तटीय इलाकों में 3 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। वहीं मियागी और फुकुशिमा प्रांतों सहित कुछ अन्य तटीय इलाकों में 1 मीटर तक की सुनामी लहरें आने की संभावना है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों से समुद्र तटों, निचले हिस्सों और खाड़ी क्षेत्रों से तत्काल बाहर निकलकर ऊंचाई की ओर जाने का आग्रह किया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रात करीब 11:43 बजे आओमोरी के मुत्सु ओगावारा बंदरगाह पर 40 सेंटीमीटर ऊंची पहली सुनामी लहर दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआती लहर का अधिक ऊंचा न होना इस बात का प्रमाण नहीं है कि खतरा टल गया है, इसलिए सतर्कता अगले कुछ घंटों तक बेहद जरूरी रहेगी।
PM कार्यालय में आपात प्रबंधन केंद्र सक्रिय
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय में आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिया गया है। सभी संबंधित मंत्रालयों, तटरक्षक बलों, अग्निशमन इकाइयों और स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। तटीय शहरों में रातभर लाउडस्पीकर, अलर्ट सिस्टम और मोबाइल आपात संदेशों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा जा रहा है। जापान के इतिहास और भूगोल को देखते हुए सुनामी चेतावनी अत्यंत गंभीर मानी जाती है। 2011 में फुकुशिमा तट पर आए विशाल भूकंप और सुनामी के कारण हुई तबाही अब भी देश की सामूहिक स्मृति में दर्ज है, इसलिए इस बार प्रशासन ने पहले ही क्षण से हर स्तर पर सतर्कता बढ़ा दी है।
भूकंप की गहराई और भू-गतिकी
JMA के भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, यह भूकंप धरती के लगभग 50 किलोमीटर भीतर उत्पन्न हुआ। रिपोर्टों में कहा गया है कि आओमोरी के हाचिनोहे में भूकंपीय तीव्रता जापानी स्केल पर अपर-6 के स्तर पर मापी गई, जो अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती है। ऊपरी जापान के कई शहरों में रातभर झटके महसूस किए जाते रहे, जबकि होक्काइडो और इवाते में तेज कंपन के कारण भवनों में कंपन, अलार्म सक्रियता और बिजली कटौती जैसी दिक्कतें भी सामने आईं।
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने भी इस भूकंप की पुष्टि करते हुए कहा कि इसका केंद्र मिसावा शहर से 73 किलोमीटर पूर्व-उत्तर की दिशा में रहा। यह भी बताया गया कि सोमवार सुबह दक्षिण-पश्चिमी जापान के एक द्वीपीय हिस्से में 5.5 तीव्रता का भूकंप आया था, लेकिन तब सुनामी का खतरा नहीं माना गया था, जबकि वर्तमान झटके समुद्री विस्थापन को बेहद खतरनाक स्तर तक पहुँचा सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय निगरानी भी बढ़ाई गई
जापान प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ में स्थित है, जहां भूकंपीय गतिविधियाँ लगातार होती रहती हैं। इसी कारण अमेरिका, दक्षिण कोरिया और रूस की समुद्री निगरानी एजेंसियों ने भी प्रशांत क्षेत्र में सुनामी गतिविधियों पर अपनी निगरानी तेज कर दी है। समुद्री विमानों और तट रडार प्रणालियों को भी सक्रिय मोड पर रखा गया है।
जापानी प्रशासन द्वारा जारी संदेशों में साफ कहा गया है कि अगली सूचना तक तटीय इलाकों में किसी भी व्यक्ति को वापस लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी और बचाव दलों के निर्देशों का पूरी तरह पालन करना होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ घंटों में लहरों की ऊंचाई और तीव्रता बढ़ भी सकती है और कभी-कभी किसी बड़े सुनामी प्रभाव से पहले कई छोटी लहरें भी दर्ज की जाती हैं। भूकंप से उत्पन्न यह स्थिति जापान के लिए एक और बड़ी परीक्षा है, लेकिन प्रशासन के त्वरित निर्णय, वैज्ञानिक सतर्कता और लोगों की अनुशासनात्मक प्रतिक्रिया से संभावित जान-माल की हानि को कम करने की उम्मीद जताई जा रही है।