ताजा खबर
झांसी में भाजपा पार्षद की सदस्यता रद्द, कोर्ट ने घोषित किया पिछड़ा वर्ग का—लालता प्रसाद को विजेता घो...   ||    झांसी में प्रेमी-प्रेमिका ने खाया जहर, लड़की की मौत के बाद प्रेमी ने ट्रेन से कटकर दी जान   ||    जैकी श्रॉफ ने कारगिल विजय दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी!   ||    श्रुति हासन ने कमल हासन के राज्यसभा शपथ ग्रहण पर लिखा भावुक नोट   ||    दिलजीत दोसांझ ने की बॉर्डर 2 शूटिंग पूरी!   ||    रुसलान ने टक टॉक टाइमआउट के साथ वर्टिकल स्टोरीटेलिंग को बताया “अगला बड़ा कदम”   ||    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता, ट्रंप-मैक्रो को छोड़ा पीछे   ||    ‘कंबोडिया जाना हो सकता है खतरनाक’, भारत की अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी   ||    Battlefield Tourism क्या होता है? देशभक्ति और इतिहास के बारे में बढ़ेगी जागरूकता   ||    आज कहां है कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार? टाइगर हिल पर लहराया था तिरंगा, डिंपल को भी भूले लोग   ||    Russia Plane Crash: आग लगने के बाद प्लेन क्रैश होने का वीडियो आया सामने, 48 लोगों की हुई थी मौत   ||    Martial Law: क्या है मार्शल लॉ? थाईलैंड के 8 जिलों में हुआ लागू, आपातकाल से कितना अलग   ||    शिव मंदिर पर दागे गोले, थाई-कंबोडिया सीमा पर बने यूनेस्को विश्व धरोहर को कितना पहुंचा नुकसान?   ||    भारत-मालदीव में 8 MOU हुए साइन, समझौतों से दोनों देशों को क्या होगा फायदा?   ||    कंबोडिया-थाईलैंड विवाद पर UNSC की बैठक में क्या हुआ? ठुकराई गई अमेरिका-चीन की मध्यस्थता   ||    थाईलैंड के 8 जिलों में मार्शल लॉ लागू, 6 नेशनल पार्कों पर जड़े ताले   ||    Fact Check: पाकिस्तान में जलभराव ने ढाया कहर, वायरल हो रहा वीडियो है AI जनरेटेड   ||    इतिहास में 26 जुलाई: शौर्य, क्रांति और उपलब्धियों का दिन   ||    IND vs ENG: क्या टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले हैं जसप्रीत बुमराह? मोहम्मद कैफ के VIDEO ने मचाई...   ||    IND vs ENG: कुलदीप यादव को क्यों नहीं मिलती Playing 11 में जगह? कोच का बड़ा बयान आया सामने   ||    +++ 
झांसी में भाजपा पार्षद की सदस्यता रद्द, कोर्ट ने घोषित किया पिछड़ा वर्ग का—लालता प्रसाद को विजेता घो...   ||    झांसी में प्रेमी-प्रेमिका ने खाया जहर, लड़की की मौत के बाद प्रेमी ने ट्रेन से कटकर दी जान   ||    जैकी श्रॉफ ने कारगिल विजय दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी!   ||    श्रुति हासन ने कमल हासन के राज्यसभा शपथ ग्रहण पर लिखा भावुक नोट   ||    दिलजीत दोसांझ ने की बॉर्डर 2 शूटिंग पूरी!   ||    रुसलान ने टक टॉक टाइमआउट के साथ वर्टिकल स्टोरीटेलिंग को बताया “अगला बड़ा कदम”   ||    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता, ट्रंप-मैक्रो को छोड़ा पीछे   ||    ‘कंबोडिया जाना हो सकता है खतरनाक’, भारत की अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी   ||    Battlefield Tourism क्या होता है? देशभक्ति और इतिहास के बारे में बढ़ेगी जागरूकता   ||    आज कहां है कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार? टाइगर हिल पर लहराया था तिरंगा, डिंपल को भी भूले लोग   ||    Russia Plane Crash: आग लगने के बाद प्लेन क्रैश होने का वीडियो आया सामने, 48 लोगों की हुई थी मौत   ||    Martial Law: क्या है मार्शल लॉ? थाईलैंड के 8 जिलों में हुआ लागू, आपातकाल से कितना अलग   ||    शिव मंदिर पर दागे गोले, थाई-कंबोडिया सीमा पर बने यूनेस्को विश्व धरोहर को कितना पहुंचा नुकसान?   ||    भारत-मालदीव में 8 MOU हुए साइन, समझौतों से दोनों देशों को क्या होगा फायदा?   ||    कंबोडिया-थाईलैंड विवाद पर UNSC की बैठक में क्या हुआ? ठुकराई गई अमेरिका-चीन की मध्यस्थता   ||    थाईलैंड के 8 जिलों में मार्शल लॉ लागू, 6 नेशनल पार्कों पर जड़े ताले   ||    Fact Check: पाकिस्तान में जलभराव ने ढाया कहर, वायरल हो रहा वीडियो है AI जनरेटेड   ||    इतिहास में 26 जुलाई: शौर्य, क्रांति और उपलब्धियों का दिन   ||    IND vs ENG: क्या टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले हैं जसप्रीत बुमराह? मोहम्मद कैफ के VIDEO ने मचाई...   ||    IND vs ENG: कुलदीप यादव को क्यों नहीं मिलती Playing 11 में जगह? कोच का बड़ा बयान आया सामने   ||    +++ 

देवउठनी एकादशी कथा: साल की सबसे महत्वपूर्ण देवउठनी एकादशी आज, जानें महत्व और वास्तविक कथा!

Photo Source :

Posted On:Tuesday, November 12, 2024

हिंदू धर्म में हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस बार यह 12 नवंबर 2024, मंगलवार यानी आज मनाया जा रहा है। इस एकादशी के दिन जगत के पालनकर्ता भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

ऐसा कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत करने से सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है और ऐसा माना जाता है कि देवउठनी एकादशी के दिन व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए, अन्यथा इसके पाठ के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इस व्रत की दो कथाएँ बहुत प्रचलित एवं विश्वसनीय हैं। आइए जानते हैं और पढ़ते हैं देवउठनी एकादशी व्रत की वास्तविक कथा:

देवउठनी एकादशी व्रत की वास्तविक कथा - 1
धर्मराज युधिष्ठिर भगवान श्रीकृष्ण से कहने लगे, “हे भगवन्! मैंने कार्तिक कृष्ण एकादशी अर्थात् रमा एकादशी का विस्तृत वर्णन सुना। अब कृपया मुझे कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशियों के बारे में भी बतायें। इस एकादशी का क्या नाम है तथा इसके व्रत का विधान क्या है? इसकी विधि क्या है? इसका व्रत करने से कौन सा फल प्राप्त होता है? कृपया यह सब कानूनी रूप से कहें।”

भगवान कृष्ण ने कहा “हे युधिष्ठिर! कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में तुलसी विवाह के दिन पड़ने वाली इस एकादशी को विष्णु प्रबोधिनी एकादशी, देव-प्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान, देव उठाव एकादशी, देवउठनी एकादशी, कार्तिक शुक्ल एकादशी और प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। यह महान पापों का नाश करने वाली है, मैं तुम्हें इसका माहात्म्य बताता हूँ, ध्यानपूर्वक सुनो।”

एक राजा के राज्य में सभी लोग एकादशी का व्रत रखते थे। नागरिकों और नौकरों से लेकर जानवरों तक को एकादशी के दिन भोजन नहीं दिया जाता था। एक दिन दूसरे राज्य से एक व्यक्ति राजा के पास आया और बोला, “महाराज! कृपया मुझे काम पर रख लें।”

तब राजा ने उसके सामने शर्त रखी कि ठीक है, इसे रख लेते हैं। परंतु प्रतिदिन तो तुम्हें सब कुछ खाने को मिलेगा, परंतु एकादशी के दिन तुम्हें भोजन नहीं मिलेगा।

वह व्यक्ति उस समय तो मान गया, परंतु एकादशी के दिन जब उसे फल दिया गया तो वह राजा के सामने जाकर गिड़गिड़ाने लगा, “महाराज! इससे मेरा पेट नहीं भरेगा. मैं भूख से मर जाऊंगा, मुझे खाना दो।”

राजा ने उसे शर्त याद दिलाई, लेकिन वह खाना छोड़ने को तैयार नहीं था, इसलिए राजा ने उसे आटा-दाल-चावल आदि दिया। वह रोज की तरह नदी पर पहुंचा और नहाकर खाना बनाने लगा। जब भोजन तैयार हो गया तो उसने भगवान को पुकारा, “हे प्रभु, आइए, भोजन तैयार है।”

उसके बुलाने पर भगवान चतुर्भुज रूप में पीताम्बर धारण करके आये और प्रेमवश उसके साथ भोजन करने लगे। भोजनादि खाकर भगवान प्रसन्न हो गये और वह व्यक्ति अपने काम पर चला गया।

पंद्रह दिन के बाद अगली एकादशी को वह राजा से कहने लगा, “महाराज, मुझे दोगुना माल दे दीजिये। उस दिन मुझे भूख लगी थी।” राजा ने कारण पूछा तो उसने बताया कि भगवान भी हमारे साथ भोजन करते हैं। इसीलिए यह चीज़ हम दोनों के लिए कारगर नहीं है।

यह सुनकर राजा को बड़ा आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा, ''मैं विश्वास नहीं कर सकता कि भगवान आपके साथ भोजन करते हैं। मैं इतना व्रत रखता हूं, पूजा करता हूं, लेकिन भगवान ने मुझे कभी दर्शन नहीं दिए।”

राजा की बात सुनकर वह बोला, “महाराज! विश्वास न हो तो जाकर देख लो।” राजा एक पेड़ के पीछे छिपकर बैठ गया। उस व्यक्ति ने खाना बनाया और शाम तक भगवान को पुकारता रहा, लेकिन भगवान नहीं आए। अंत में उन्होंने कहा, “हे भगवान! यदि तुम नहीं आओगे तो मैं नदी में कूदकर अपनी जान दे दूँगा।”

लेकिन भगवान नहीं आये तो वह प्राण त्यागने के इरादे से नदी की ओर चला गया। उसके प्राण त्यागने के दृढ़ इरादे का एहसास होते ही, भगवान प्रकट हुए और उसे रोका और साथ में भोजन करने लगे। खाने-पीने के बाद वे उसे अपने विमान में बिठाकर अपने निवास स्थान पर ले गये।

यह देखकर राजा ने सोचा कि जब तक मन शुद्ध नहीं हो जाता तब तक व्रत करने से कोई लाभ नहीं है। इससे राजा को ज्ञान प्राप्त हुआ। वह भी मानसिक रूप से व्रत-उपवास करने लगा और अंत में स्वर्ग प्राप्त हुआ।


झाँसी, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. jhansivocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.