विजयवाड़ा: छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की सीमा (Inter-State Border) पर सुरक्षाबलों को एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में कम से कम सात नक्सली मारे गए हैं। यह मुठभेड़ मंगलवार, 18 नवंबर की सुबह उसी क्षेत्र में हुई, जहां कुछ समय पहले टॉप नक्सली कमांडर हिड़मा को मार गिराया गया था। इस नए ऑपरेशन से यह संकेत मिलता है कि सुरक्षाबल हिड़मा की मौत के बाद कमजोर पड़े नक्सली संगठन पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं।
मुठभेड़ का स्थान और विवरण
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार सुबह छत्तीसगढ़ पुलिस और आंध्र प्रदेश पुलिस के विशेष बल (ग्रेहाउंड्स) संयुक्त रूप से सीमावर्ती जंगली और पहाड़ी इलाकों में तलाशी अभियान चला रहे थे। इसी दौरान, घने जंगल में छिपे नक्सलियों के एक समूह ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई की। दोनों ओर से घनी गोलीबारी काफी देर तक जारी रही। मुठभेड़ समाप्त होने के बाद जब सुरक्षाबलों ने इलाके की तलाशी ली, तो सात नक्सलियों के शव बरामद किए गए।
नक्सली संगठन को भारी क्षति
मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी तक पूरी तरह से स्थापित नहीं हो पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि इनमें से कुछ हिड़मा के दलम (गुट) के महत्वपूर्ण सदस्य थे। हिड़मा की मौत के बाद, उसके गुट ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी गतिविधियों को फिर से संगठित करने का प्रयास किया था, जिसे सुरक्षाबलों के इस त्वरित और सटीक ऑपरेशन ने विफल कर दिया। इस ऑपरेशन की सफलता को छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश की पुलिस के बीच बेहतर खुफिया तालमेल और समन्वय का नतीजा माना जा रहा है। दोनों राज्यों की सीमाएं नक्सली गतिविधियों के लिए अक्सर एक सुरक्षित गलियारे के रूप में उपयोग की जाती रही हैं, लेकिन संयुक्त अभियानों ने इस खतरे को प्रभावी ढंग से कम किया है।
सुरक्षाबलों ने मौके से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद, वायरलेस सेट और नक्सली साहित्य भी बरामद किया है। इस बरामदगी से नक्सलियों की आगामी योजनाओं और उनकी संगठनात्मक संरचना के बारे में महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी मिलने की उम्मीद है। पुलिस महानिदेशक (DGP) ने इस ऑपरेशन में शामिल सभी जवानों की बहादुरी और पेशेवर रवैये की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए नक्सल विरोधी अभियान लगातार जारी रहेंगे।
इस कार्रवाई से नक्सली संगठन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है, विशेष रूप से हिड़मा जैसे बड़े कमांडर को खोने के तुरंत बाद सात अन्य सदस्यों का मारा जाना उनकी कमर तोड़ने जैसा है। स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया है, क्योंकि नक्सली हिंसा से सीमावर्ती इलाकों में विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित होते रहे हैं।