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कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से झटका, किसानों के खिलाफ टिप्पणी मामले में याचिका खारिज

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Posted On:Friday, September 12, 2025

बॉलीवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ विवादित टिप्पणी को लेकर दर्ज मानहानि केस में सुप्रीम कोर्ट ने कंगना रनौत की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने इस केस को रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट ने साफ कहा कि मामला ट्रायल का विषय है और इसे निचली अदालत में पूरा होने दिया जाए।


मामला क्या है?

किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को रि-ट्वीट किया था, जिसमें एक 73 साल की महिला महिंदर कौर की फोटो थी। इस रि-ट्वीट में कंगना ने विवादित टिप्पणी की थी कि वह बिलिकिस बानो दादी हैं, जो शाहीन बाग प्रदर्शन का हिस्सा थीं और “यह 100 रुपये में उपलब्ध हो जाती हैं।” इस पोस्ट को लेकर महिंदर कौर ने 2021 में पंजाब की बठिंडा कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज कराया था। कंगना के खिलाफ आरोप है कि उनकी इस टिप्पणी से महिंदर कौर की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

कंगना के वकील ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि कंगना ने केवल एक ट्वीट को रि-ट्वीट किया था, जिसे कई और लोगों ने भी साझा किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया और कहा कि यह केवल रि-ट्वीट नहीं था, बल्कि इसमें कंगना की स्वयं की टिप्पणी भी शामिल थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला ट्रायल का विषय है और इस पर निचली अदालत में ही फैसला होना चाहिए। कोर्ट ने आगे सुनवाई करने से इंकार करते हुए कहा कि निचली अदालत के फैसले के बाद ही आगे की कानूनी प्रक्रिया तय होगी।


इससे पहले भी खारिज हो चुकी है याचिका

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भी कंगना रनौत की याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि कंगना एक सार्वजनिक हस्ती हैं और उनके खिलाफ शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। अदालत ने यह भी कहा था कि शिकायतकर्ता ने किसी दुर्भावना से केस दर्ज नहीं कराया है, बल्कि अपनी इमेज की सुरक्षा के लिए कार्रवाई की मांग की है। इसलिए मामले की जांच और सुनवाई होना आवश्यक है।


राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि

किसान आंदोलन के दौरान कंगना रनौत की विवादित टिप्पणियां कई बार सुर्खियों में रही हैं। उनके बयानों ने राजनीतिक विवादों को जन्म दिया है और कई बार वे आलोचनाओं के केंद्र में आई हैं। इस मानहानि केस में भी किसानों से जुड़े संवेदनशील मुद्दे को लेकर उनकी टिप्पणियों को लेकर बहस छिड़ी थी।


आगामी कार्रवाई

अब मामला निचली अदालत में ट्रायल के लिए भेजा गया है, जहां दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी और साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, निचली अदालत का फैसला आने के बाद ही मामला उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट में आगे बढ़ेगा।


निष्कर्ष

कंगना रनौत को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है, लेकिन मानहानि का केस अभी भी लंबित है और निचली अदालत में जारी रहेगा। इस मामले से यह स्पष्ट हो गया है कि सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियां और रि-ट्वीट भी कानूनी कार्रवाई का विषय बन सकती हैं। इस फैसले से सभी को संदेश गया है कि विवादित मामलों में न्यायालय अंतिम निर्णय तक धैर्य और प्रक्रिया का सम्मान जरूरी है।


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