पटना: लोकसभा चुनाव में हार के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर राजनीति और अपने पिता लालू प्रसाद यादव पर गंभीर आरोप लगाकर तूफान खड़ा करने वाली रोहिणी आचार्य अब कहां हैं, इस पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह का बयान सामने आया है। रोहिणी आचार्य के अचानक राजनीति से किनारा करने और परिवार से नाता तोड़ने के ऐलान के बाद से ही सियासी गलियारों में यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ था।
जब पत्रकारों ने आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह से रोहिणी आचार्य की वर्तमान स्थिति के बारे में पूछा, तो उन्होंने बहुत संक्षिप्त और स्पष्ट जवाब दिया। जगदानंद सिंह ने कहा, “हमारी बेटी है, जहां पर उनकी शादी हुई है, जहां घर है, वहां तो जाएगी ही।” जगदानंद सिंह के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि रोहिणी आचार्य फिलहाल अपने ससुराल परिवार लौट चुकी हैं। हालांकि, उनके किसी भी पारिवारिक सदस्य ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है।
सिंगापुर में है रोहिणी का ठिकाना
रोहिणी आचार्य अपने पति समरेश सिंह, बेटी अनन्या और दो बेटों आदित्य और अरिहंत के साथ सिंगापुर में रहती हैं। उनके पति समरेश सिंह वर्तमान में सिंगापुर में बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़े पद पर कार्यरत हैं। रोहिणी का ससुराल परिवार मूल रूप से औरंगाबाद के पास दाउनगर का रहने वाला है और उनका राजनीति से कोई सीधा नाता नहीं है। लालू-राबड़ी की नौ संतानों में रोहिणी आचार्य मीसा भारती के बाद दूसरी बड़ी बेटी हैं। उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है, लेकिन कभी डॉक्टरी की प्रैक्टिस नहीं की। पिछले साल, रोहिणी आचार्य ने सारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
'बड़ा गुनाह हो गया' - किडनी दान पर लगाए थे गंभीर आरोप
बिहार चुनाव परिणाम के ठीक अगले दिन रोहिणी आचार्य ने एक्स पर कई पोस्ट लिखकर परिवार के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए थे, जिससे राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया। उन्होंने खुद पर हुए अत्याचार की कहानी बयां की थी, जिसमें गाली गलौज और कथित तौर पर चप्पल मारने की कोशिश जैसी बातें शामिल थीं। रोहिणी आचार्य का सबसे भावनात्मक और गंभीर पोस्ट वह था, जिसमें उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान करने के फैसले पर पछतावा जताया था। उन्होंने लिखा था, "मुझसे बड़ा गुनाह हो गया कि किडनी देते वक्त न अपने पति, न अपने ससुराल से अनुमति ली... अपने भगवान, अपने पिता को बचाने के लिए वो कर दिया, कोई और भूल कर भी अपने भगवान रूपी पिता को नहीं बचाए।"
रोहिणी ने अपने पोस्ट में इस बात पर निराशा और गुस्सा जाहिर किया था कि किडनी देने जैसे बड़े बलिदान के बाद भी उन्हें परिवार में सम्मान नहीं मिला। रोहिणी के इन विस्फोटक पोस्ट के बाद विपक्षी पार्टियों ने इसे लालू प्रसाद यादव का 'पारिवारिक मामला' बताते हुए इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया था। गौरतलब है कि इस पोस्ट के बाद से रोहिणी आचार्य की ओर से कोई नई पोस्ट सामने नहीं आई है, जिससे उनके राजनीतिक संन्यास और वर्तमान ठिकाने को लेकर रहस्य बना हुआ था, जिसे अब जगदानंद सिंह के बयान ने कुछ हद तक साफ कर दिया है।