मुंबई, 09 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। राजस्थान में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के अपराध का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जयपुर की करधनी थाना पुलिस की जांच में सामने आया है कि गैंग फिरौती से मिली रकम से विदेशों से सोना खरीदता है और फिर उसे देश के अलग-अलग एयरपोर्ट के जरिए तस्करी कर भारत लाया जाता है। इसके बाद इस सोने को ऊंचे दामों पर बेचा जाता है और उससे मिली रकम का इस्तेमाल हथियारों की खरीद, गैंग के गुर्गों को फरार कराने, विदेश भेजने और अवैध संपत्तियां खरीदने में किया जाता है। करधनी थाना सीआई सवाई सिंह द्वारा दर्ज केस में गैंग के तीन सदस्यों—सूरज गुर्जर, इमरान और भवानी सिंह को हिरासत में लिया गया है। इनसे हुई पूछताछ में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि लॉरेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा, वीरेंद्र चारण और अमरजीत बिश्नोई के लिए ये तीनों जयपुर में तस्करी और हवाला नेटवर्क चला रहे थे।
यह पूरा मामला 2024 में हुए एक मर्डर केस की जांच के दौरान सामने आया, जब पुलिस को लाडनूं निवासी सूरज गुर्जर की संलिप्तता का पता चला। चार दिन पहले हिरासत में लिए गए सूरज, इमरान और भवानी ने स्वीकार किया कि वे जयसिंह नामक बदमाश के कहने पर लॉरेंस गैंग के लिए काम करते थे। उनके मुताबिक, फिरौती की रकम जयपुर के झोटवाड़ा स्थित इमरान के घर पर इकट्ठी होती थी, जिसे हवाला के जरिये विदेश भेजा जाता था। उसी रकम से विदेशों में सोना खरीदा जाता था, जो बाद में भारत में लाकर बेच दिया जाता था। इन अपराधियों ने यह भी कबूल किया कि 2 अक्टूबर 2023 को जयपुर एयरपोर्ट पर जब्त किए गए 12 किलो 467 ग्राम सोने की तस्करी इसी गैंग के जरिए की गई थी। इन पैसों का इस्तेमाल गैंग के बड़े सदस्यों के लिए हथियार खरीदने, फरारी काटने, कोर्ट में पैरवी कराने, विदेश भागने और अवैध प्रॉपर्टी खरीदने के लिए होता था।
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के अनुसार, ये सभी आरोपी एक संगठित गिरोह के तहत लंबे समय से लोगों को धमकाकर फिरौती की रकम वसूलते आ रहे हैं। 1 जुलाई को भी ये आरोपी मुंबई गए थे, जहां उन्होंने गोल्ड तस्करी से जुड़ा एक काम किया। हिरासत में लिए गए भवानी सिंह ने बताया कि उसकी बहन सुधा कंवर, जो रोहित गोदारा गैंग की सदस्य है, बदमाश अमरजीत बिश्नोई की पत्नी है और वह वर्तमान में इटली में रह रही है। सुधा पहले दुबई भेजी गई थी और वहां से इटली गई। वह राजू ठेहट हत्याकांड में भी आरोपी है। पूछताछ में यह भी सामने आया कि लॉरेंस गैंग का नेटवर्क सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि कनाडा, अमेरिका, पुर्तगाल, स्पेन, यूएई, अफ्रीका और यूरोप के अन्य देशों तक फैला हुआ है। गैंग का संपर्क हथियार, ड्रग्स, फर्जी पासपोर्ट, शराब माफिया और गोल्ड तस्करों से है। इस नेटवर्क को अलग-अलग गुर्गों के जरिए संचालित किया जा रहा है, जो एक-दूसरे से सीधे जुड़े हैं।