झांसी न्यूज डेस्क: झांसी जिले के बबीना ब्लॉक के दुर्गापुर गांव की रहने वाली सुमन ने अपने दम पर ऐसी पहचान बनाई है, जिसे आज लोग "पैड वुमन" के नाम से जानते हैं। उन्होंने गांव-गांव जाकर महिलाओं और लड़कियों को सस्ते, सुरक्षित और स्वच्छ सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराए, जिससे न केवल उनकी बचत हुई बल्कि गंभीर बीमारियों से बचाव भी संभव हो पाया। सुमन का प्रयास महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी झिझक को दूर करने और स्वच्छता को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम साबित हुआ।
साल 2020 में सुमन ने मात्र 15 हजार रुपये की पूंजी के साथ घर से ही सेनेटरी नैपकिन का काम शुरू किया। शुरुआत में उन्हें लगा कि यह कारोबार चल पाना मुश्किल होगा, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति ने धीरे-धीरे इस छोटे से प्रयास को बड़ा रूप दे दिया। दुर्गापुर में शुरू हुआ यह काम देखते-देखते आसपास के 41 गांवों तक फैल गया, जहां महिलाओं को महंगे पैड की जगह सस्ते और सुरक्षित विकल्प मिलना शुरू हो गया।
सुमन बताती हैं कि शुरुआत आसान नहीं थी। सामाजिक बंधन, रूढ़िवादी सोच और घर की रोक-टोक जैसी कई चुनौतियाँ सामने आईं। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और महिलाओं को पीरियड्स को शर्म का विषय मानने के बजाय स्वच्छता और स्वास्थ्य से जोड़ने के लिए लगातार जागरूक किया। उनकी पहल ने कई महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाया और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया।
यह काम केवल सुमन की आजीविका का साधन नहीं बना, बल्कि उन्होंने अपने साथ गांव की कई अन्य महिलाओं को भी जोड़ा। आज कई महिलाएं इस काम से अच्छी कमाई कर रही हैं और आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। सुमन का कहना है कि यदि नीयत साफ हो और मेहनत सही दिशा में की जाए, तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता।