झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के सदर तहसील में सोमवार को लेखपालों ने कार्य बहिष्कार कर धरना दिया। यह विरोध हापुड़ में रिश्वत के आरोप के बाद आत्महत्या करने वाले साथी लेखपाल सुभाष मीणा की मौत के विरोध में किया गया। झांसी में लेखपाल संघ के बैनर तले सभी लेखपालों ने सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक काम बंद कर दिया।
लेखपाल संघ का कहना है कि अधिकारी अनुचित दबाव बनाते हैं और बिना जांच के कार्रवाई कर दी जाती है, जिससे मानसिक तनाव बढ़ता है। जिलाध्यक्ष जयंत सिंह यादव ने कहा कि हापुड़ मामले में भी ऐसा ही हुआ — आरोप लगते ही निलंबन और फिर साथी ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने मृतक के परिवार को मुआवजा और नौकरी देने की भी मांग की।
धरने के चलते सदर तहसील में आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। काम कराने आए लोग सुबह से चक्कर काटते रहे, लेकिन लेखपालों ने उन्हें साफ मना कर दिया। लेखपालों ने कहा कि वे भी इंसान हैं, लगातार दबाव में काम करना संभव नहीं है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या इस स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने वाला कोई है भी या नहीं। लेखपालों का आक्रोश इस बात का संकेत है कि व्यवस्था में कुछ तो बदलाव की जरूरत है।