झांसी न्यूज डेस्क: माफिया अतीक अहमद का बेटा अली अहमद एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में उसे प्रयागराज की नैनी जेल से झांसी जेल शिफ्ट किया गया था, लेकिन इसी दौरान उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। वीडियो में अली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए नजर आ रहा था। इस वीडियो के सामने आने के बाद सुरक्षा में बड़ी चूक मानी गई और तत्काल कार्रवाई की गई। इंस्पेक्टर अशोक कुमार को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है, साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
दरअसल, जेल ट्रांसफर के वक्त मीडिया से बात करते हुए अली अहमद ने कहा था, “मेरा अल्लाह जानता है कि मैं यहां सुरक्षित रहूंगा या नहीं। मुख्यमंत्री जी से यही कहना है कि जो होना था हो गया, अब हमें बचा लीजिए, बेवजह सताया न जाए।” यह वीडियो वायरल होते ही पुलिस और जेल प्रशासन दोनों पर सवाल उठने लगे। बताया गया कि अली नैनी जेल में 38 महीने से बंद था और पहली बार मीडिया से उसकी सीधी बातचीत सामने आई।
अली अहमद पर पांच करोड़ की रंगदारी मांगने और उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने का आरोप है। उसने 30 जुलाई 2022 को प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर किया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि जब जेल से शिफ्टिंग के दौरान इतनी कड़ी सुरक्षा होती है, तो मीडिया के कैमरे तक अली की बात कैसे पहुंची? अधिकारियों का कहना है कि जांच में सभी पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
वहीं, झांसी जेल परिसर से भी एक वीडियो सामने आया, जिसमें अली को जेल के अंदर फिल्माया गया बताया जा रहा है। जेल मैनुअल के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को मोबाइल लेकर जेल में प्रवेश की अनुमति नहीं होती। यही वजह है कि अब जेल प्रशासन पर भी गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। इस मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।