झांसी न्यूज डेस्क: झांसी जिले के गुरसराय क्षेत्र के मोती कटरा गांव में डिप्थीरिया (गलघोंटू) से दो मासूमों की मौत हो गई, जबकि तीसरा बच्चा इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। खास बात यह है कि इन बच्चों को टीका लग चुका था, इसके बावजूद बीमारी ने जान ले ली। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने जांच के आदेश दिए हैं और स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है।
जिलाधिकारी ने गुरुवार को स्वास्थ्य समिति की बैठक में कहा कि हर नवजात को जन्म के तुरंत बाद बीसीजी का टीका लगना चाहिए। उन्होंने चिंता जताई कि बबीना, मऊरानीपुर, बड़ागांव और बामौर में टीकाकरण का स्तर काफी नीचे है। डीएम ने साफ कहा कि अगर निजी अस्पतालों में बीसीजी टीका नहीं लगाया जाएगा तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। वहीं, डब्ल्यूएचओ की डॉ. जूही गोयल ने पुष्टि की कि गांव मोती कटरा में डिप्थीरिया के तीन मामले सामने आए, जिनमें से दो बच्चों की मौत हो गई।
डीएम ने गुरसराय ब्लॉक के अधीक्षक डॉ. ओपी राठौर को निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्र से तीन किलोमीटर के दायरे में सर्वे कराया जाए और रोकथाम के ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही, संदिग्ध मामलों की जानकारी तुरंत डब्ल्यूएचओ को दी जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस अभियान में शामिल करने को कहा।
बैठक में रूटीन इम्युनाइजेशन की समीक्षा करते हुए डीएम ने नाराजगी जताई कि कई ब्लॉकों में बीसीजी टीकाकरण का प्रतिशत 85% से भी कम है। उन्होंने कहा कि दवाओं की उपलब्धता हर हालत में सुनिश्चित हो और जिला स्तरीय अधिकारी वेयर हाउस का औचक निरीक्षण करें। डीएम ने साफ किया कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।