झांसी न्यूज डेस्क: पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन और अन्य आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में फैसला सुनाया गया। सभी आरोपी अदालत में मौजूद थे और फैसला सुनते ही बेचैनी साफ नजर आई। मुचलके पर रिहा होकर कोर्ट से बाहर आते ही पूर्व मंत्री प्रदीप जैन की आंखों में आंसू छलक उठे। उनका कहना था कि वे हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शन के पक्षधर रहे हैं और न्यायालय के आदेश का पूरी तरह सम्मान करते हैं।
प्रदीप जैन ने कोर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका दृढ़ संकल्प जनता के लिए लड़ना है। उन्होंने बताया, “हमने इसी बुंदेली माटी में जन्म लिया और इसी में जन्मे। कितनी भी धाराएं लगे, हम जनता के लिए लड़ते रहेंगे। चुनाव से नहीं, बुंदेली माटी से मतलब है।” उनके शब्दों से उनके समर्थकों की भावनाएं भी झलक रही थीं।
मामला 11 जून 2013 का है, जब सपा शासनकाल के दौरान जनपद में विद्युत कटौती हो रही थी। प्रदीप जैन उस समय केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद विद्युत कटौती के विरोध में सड़कों पर उतर आए। पारीछा में बनने वाली बिजली पहले झांसी को देने की मांग को लेकर उन्होंने अपने समर्थकों के साथ विद्युत उत्पादन गेट पर धरना दिया। हंगामा इतना बढ़ा कि नाराज लोगों ने चक्का जाम कर दिया और कई वाहन फंस गए।
इस धरने के बाद कई थानों से पुलिस फोर्स पहुंची और किसी तरह उन्हें वहां से हटाया गया। इसके बाद थाना बड़ागांव में उनके और उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। अब एमपीएमएलए कोर्ट के न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार सप्तम ने इस मामले में सजा सुनाई है।