झांसी न्यूज डेस्क: शहर की जमीन और भवनों का डिजिटल नक्शा बनाने की दिशा में अब बड़ा कदम उठाया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से हवाई सर्वेक्षण पहले ही पूरा हो चुका है और अब जमीनी सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इस काम के लिए नगर निगम और राजस्व विभाग के कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है।
यह पूरी प्रक्रिया केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजना के तहत हो रही है। झांसी और गोरखपुर नगर निगम को पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। फरवरी में योजना की शुरुआत के बाद हवाई सर्वेक्षण से डाटा इकट्ठा किया गया था, जिसे अब जमीनी सर्वेक्षण से मिलाया जाएगा।
जमीनी स्तर पर यह कार्य भू-सर्वे विशेषज्ञों की देखरेख में नगर निगम और राजस्व विभाग की टीमें मिलकर करेंगी। दोनों सर्वेक्षणों को जीआईएस तकनीक से जोड़ा जाएगा, जिससे सटीक और आधुनिक नक्शा तैयार होगा। इसके बाद लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी और उनका निस्तारण किया जाएगा।
नगर आयुक्त सत्य प्रकाश ने बताया कि प्रक्रिया पूरी होने पर घरौनी की तर्ज पर ही लोगों को उनके मालिकाना हक का प्रमाणपत्र मिलेगा। यानी शहर के मकान मालिकों को अब उनकी संपत्ति का डिजिटल रिकॉर्ड उपलब्ध होगा, जो भविष्य में विवाद और गड़बड़ियों को रोकने में मदद करेगा।