झांसी न्यूज डेस्क: प्रयाग महाकुंभ-2025 में झांसी जेल के कैदी भी अपना योगदान दे रहे हैं, और उनका प्रयास सफल होता दिख रहा है। इस बार, कैदियों द्वारा बनाए गए सॉफ्ट टॉयज की खूब मांग है। मेला स्थल पर लगी स्टॉल्स पर झांसी जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए टेडी बियर खूब बिक रहे हैं, और इसकी शुरुआत से ही इनकी मांग बढ़ती जा रही है। पहली खेप, जिसमें टेडी बियर भेजे गए थे, मिनटों में बिक गई, और अब 100 और टेडी बियर की डिमांड आई है। इसके चलते कैदियों ने एक बार फिर से सॉफ्ट टॉयज बनाने में जुटना शुरू कर दिया है।
योगी सरकार के "एक जनपद-एक उत्पाद" योजना के तहत, प्रदेश के 20 जिलों के उत्पादों को महाकुंभ मेले में प्रदर्शित किया जा रहा है। झांसी जिला कारागार को टेडी बियर बनाने के लिए चुना गया है। इसके बाद से झांसी जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए टेडी बियर की काफी मांग है। जेल प्रशासन ने बताया कि जो टेडी बियर प्रयागराज भेजे गए थे, वे सब बिक गए हैं, और अब और टेडी बियर तैयार किए जा रहे हैं, ताकि नई डिमांड पूरी की जा सके।
जेल प्रशासन के अनुसार, कैदियों को जेल में रहते हुए हुनरमंद बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वे रिहाई के बाद अपने जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें। इसके लिए जेल में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कैदियों को उनके रुचि के अनुसार काम सिखाया जा रहा है। सॉफ्ट टॉय बनाने का कार्य भी इन गतिविधियों का हिस्सा है, जो कैदियों को एक नया कौशल सिखाने का अवसर प्रदान कर रहा है।
इस कड़ी में, सॉफ्ट टॉयज बनाने का कार्य कैदियों के लिए एक बेहतरीन रोजगार के रूप में सामने आ रहा है। वे यहां से जो कमाई कर रहे हैं, उससे वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकते हैं। इसके अलावा, जेल में कैदियों को हर दिन 40 से 80 रुपये का प्रोत्साहन भत्ता भी दिया जा रहा है, जो उनकी मेहनत और उत्साह को और बढ़ाता है। इस प्रकार, यह एक सकारात्मक पहल है, जो न केवल कैदियों को काम के लिए प्रेरित करती है, बल्कि उन्हें समाज में पुनः एक सम्मानजनक स्थान हासिल करने की दिशा में भी मदद करती है।
झांसी जेल के इस प्रयास ने महाकुंभ मेले में एक नई पहचान बनाई है, और अब इसे अन्य जेलों के लिए एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है। यहां से भेजे गए टेडी बियर का व्यापार बढ़ रहा है, और यह पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है। कैदियों द्वारा बनाई गई इन सॉफ्ट टॉयज की सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर वे समाज में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।