भारत सरकार ने कुशल कामगारों के लिए न्यूनतम योग्यता की आवश्यकता को बढ़ाने के संबंध में एक प्रस्ताव पेश करने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव के तहत, कुशल कामगारों के लिए अब स्नातक स्तर की न्यूनतम योग्यता तय की जाएगी। इसके साथ ही, वीजा नियमों को कड़ा किया जाएगा और कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन सीमा भी बढ़ाई जाएगी। यह कदम रोजगार के अवसरों को बेहतर बनाने और विदेशों में भारत के पेशेवरों की मांग को संतुलित करने के लिए उठाया गया है।
वीजा नियमों में कड़े बदलाव और न्यूनतम वेतन सीमा में वृद्धि
सरकार ने यह निर्णय लिया है कि विदेशों में काम करने वाले भारतीय पेशेवरों के लिए वीजा नियमों को और सख्त किया जाएगा। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल योग्य और प्रशिक्षित कामगारों को ही वर्क वीजा जारी किया जाए। इसके साथ ही, वीजा पर रहने की अवधि भी तय की जाएगी, जो अब डिग्री पूरी करने के बाद 24 महीने से घटकर 18 महीने हो जाएगी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वर्क वीजा पर रहने वाले पेशेवर ही अपने रोजगार के दौरान उत्पादक बने रहें।
इस बदलाव से भारतीय कामगारों को कई तरह के लाभ मिल सकते हैं, जैसे उच्चतम योग्यताएं रखने वाले पेशेवरों को ज्यादा सैलरी और सुविधाएं मिल सकती हैं। इसके अलावा, सरकार वीजा नियमों में कड़े प्रावधान लागू करके, उन देशों में विदेशी कामगारों के प्रवेश को नियंत्रित करना चाहती है जहां पहले से ही पेशेवरों की अधिक संख्या है।
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान
दूसरी ओर, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान किया गया। यह निर्णय दोनों देशों के बीच डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) स्तर की बातचीत के बाद लिया गया। इस बातचीत के बाद दोनों देशों में यह सहमति बनी कि एक भी गोली नहीं चलाई जाएगी और न ही कोई आक्रामक या शत्रुतापूर्ण कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद से युद्धविराम की स्थिति बनी हुई है, जिससे सीमा पर स्थिति सामान्य हो गई है।
सीजफायर के बाद ड्रोन गतिविधियां और सुरक्षा स्थिति
सीजफायर लागू होने के बावजूद, सीमा पर ड्रोन गतिविधियों में इजाफा हुआ था। जम्मू, सांबा, अखनूर, कठुआ, पंजाब और पठानकोट जैसे क्षेत्रों में ड्रोन दिखे थे। हालांकि, भारतीय वायुसेना और एयर डिफेंस ने इन ड्रोन को नष्ट कर दिया और बाद में यह पुष्टि की गई कि अब तक कोई नई ड्रोन गतिविधि नहीं देखी गई है। इस बीच, पंजाब के होशियारपुर में धमाके भी सुने गए, लेकिन भारतीय सेना ने पुष्टि की है कि फिलहाल स्थिति सामान्य है और सीजफायर का पालन हो रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: पीएम मोदी का पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश
ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की लड़ाई आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ थी, इसलिए आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया। पाकिस्तान ने आतंकवादियों का समर्थन किया, लेकिन अब भारत जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। पीएम मोदी ने पाकिस्तान को यह भी स्पष्ट किया कि भारत परमाणु हमले की गीदड़भभकी को सहन नहीं करेगा और पाकिस्तान को हर एक गोली का जवाब गोलों से दिया जाएगा।
सीजफायर की स्थिति और मुआवजा
सीजफायर के बाद भारत में सुरक्षा स्थिति सामान्य हो रही है। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में स्कूल और कॉलेज फिर से खुल गए हैं और सड़कें भी सामान्य रूप से खुली हैं। इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए बीएसएफ जवान मो इम्तियाज के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद शहीद के परिवार से मिलने जाएंगे और मुख्यमंत्री राहत कोष से 29 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और शांति की दिशा
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को युद्धविराम के समझौते के बाद से सुरक्षा स्थिति में कुछ राहत आई है। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के बावजूद, यह सीजफायर दोनों पक्षों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद, सुरक्षा बलों की सतर्कता बनी हुई है और भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी प्रकार की आक्रामकता का जवाब तुरंत दिया जाएगा।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद स्थिति में थोड़ी राहत मिली है, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव अभी भी बरकरार है। इस बीच, कुशल कामगारों के लिए वीजा नियमों को कड़ा करने और न्यूनतम योग्यता को बढ़ाने के प्रस्ताव से भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेशेवरों की स्थिति और मजबूत होगी। इन बदलावों से न केवल भारत के लिए नए रोजगार अवसर पैदा होंगे, बल्कि यह देश के सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।