आंध्र प्रदेश की रहने वाली शशिकला नर्रा और उनके 6 वर्षीय बेटे अनीश की न्यू जर्सी स्थित उनके अपार्टमेंट में 2017 में हुई निर्मम हत्या के नौ साल बाद अमेरिकी जांच एजेंसियों ने आखिरकार एक बड़ा खुलासा किया है। अमेरिकी अभियोजकों ने नजीर हमीद, जो पीड़िता के पति के सहकर्मी थे, पर हत्या और गंभीर अपराधों के आरोप लगाए हैं। यह भी सामने आया है कि हत्या के तुरंत बाद हमीद भारत भाग गया था और तब से यहीं रह रहा है।
लैपटॉप से मिले DNA ने खोला राज
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कुछ महीनों पहले जांचकर्ताओं ने कोर्ट से अनुमति लेकर कॉग्निजेंट कंपनी के उस लैपटॉप को मंगवाया जो हमीद को कंपनी की ओर से दिया गया था। लैपटॉप से लिए गए DNA सैंपल को न्यू जर्सी क्राइम सीन से मिले खून के नमूने से मिलाया गया—और दोनों पूरी तरह मैच हो गए। इस मैचिंग के बाद हमीद पर हत्या, गैर-इरादतन हत्या और संबंधित अपराधों के औपचारिक आरोप दर्ज कर अमेरिका द्वारा उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
हत्या के बाद भारत भाग गया था आरोपी
बर्लिंगटन काउंटी अभियोजक कार्यालय के जांच प्रमुख पैट्रिक थॉर्नटन के अनुसार, नजीर हमीद घटना के समय वीज़ा पर अमेरिका में काम कर रहा था। शशिकला और अनीश की हत्या के कुछ ही समय बाद वह भारत लौट गया। 22 मार्च 2017 को, जब शशिकला के पति हनु नर्रा अपने न्यू जर्सी के फॉक्स मीडो अपार्टमेंट लौटे, तो उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे को लहूलुहान हालत में मृत पाया। दोनों के शरीर पर कई बार चाकू से किए गए घाव थे। पुलिस के अनुसार, उनके शरीर पर मौजूद डिफेंस वूंड्स से स्पष्ट था कि उन्होंने हमलावर का मुकाबला करने की कोशिश की।
DNA सैंपल ने बदला पूरा केस
जांच के दौरान पुलिस को क्राइम सीन से खून के कई नमूने मिले थे। एक नमूना ऐसा था जो न तो पीड़ितों का था और न ही हनु नर्रा का। इसी अज्ञात सैंपल ने बाद में केस की दिशा पूरी तरह बदल दी। पुलिस को पता चला कि नजीर हमीद पहले भी हनु नर्रा का पीछा (स्टॉकिंग) कर चुका था। वह पत्नी-पति दोनों के साथ कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजीज में काम करता था और उनके घर से थोड़ी दूरी पर रहता था। संदेह बढ़ने पर जब अधिकारियों ने उससे DNA सैंपल देने को कहा, तो उसने साफ इनकार कर दिया। अंततः कोर्ट के आदेश से उसकी कंपनी का लैपटॉप मंगाया गया और वहीं से निकले DNA ने उसे अपराध से जोड़ दिया।
तकनीकी विशेषज्ञता से छुपाता रहा अपना ट्रैक
अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि भारत लौटने के बाद भी हमीद कॉग्निजेंट का कर्मचारी बना रहा और उसने अपनी तकनीकी जानकारी का इस्तेमाल अपने डिजिटल रिकॉर्ड और संदिग्ध इतिहास को छुपाने के लिए किया। यह भी माना जा रहा है कि हत्या के पीछे उसका संभावित उद्देश्य व्यक्तिगत दुश्मनी थी। हालांकि अभी पुलिस इसके कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
जांचकर्ताओं का भारत से सहयोग मांगना
इस जांच में अमेरिकी अधिकारियों ने भारत में कई एजेंसियों से संपर्क किया, लेकिन आरोपी द्वारा DNA देने से इनकार किए जाने के कारण जांच लंबे समय तक अटकी रही।
लैपटॉप से मिले DNA के बाद अब यह मामला फिर से ट्रायल की ओर बढ़ रहा है और अमेरिका जल्द ही हमीद के प्रत्यर्पण की कोशिश करेगा।