झांसी न्यूज डेस्क: झांसी की अदालत ने गुरुवार को एक अहम फैसले में दो बांग्लादेशी युवकों को चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार यादव ने दोनों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया, जिसे न भरने पर उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त जेल भुगतनी होगी। ये दोनों आरोपी अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और यहां रह रहे थे। तीन साल पहले झांसी पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने बताया कि मामला 15 जनवरी 2022 का है, जब सीपरी बाजार थाने के दरोगा अक्षय परवीर त्योगी को सूचना मिली कि कुछ बांग्लादेशी युवक वारदात की साजिश रच रहे हैं। पुलिस ने झांसी-ग्वालियर रोड पर रक्सा मोड़ के पास नहर की पुलिया पर छापा मारा। कार्रवाई के दौरान आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग की, लेकिन टीम ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ लिया।
पुलिस ने मौके से भगरठ खुलना (बांग्लादेश) निवासी सुलेमान उर्फ जिलमन पुत्र अब्दुल सत्तर हलाधर, अलामीन उर्फ मिंटू पुत्र हमीद अकून और जाकिर खान उर्फ असलम पुत्र अबुल कलाम को गिरफ्तार किया था। जांच के बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। सुनवाई के दौरान अलामीन फरार हो गया, जिसके चलते उसका केस अलग कर दिया गया।
आज अदालत ने बाकी दोनों आरोपियों — सुलेमान उर्फ जिलमन और जाकिर खान उर्फ असलम — को दोषी मानते हुए चार साल की सजा और आर्थिक दंड सुनाया। यह फैसला झांसी पुलिस की सतर्कता और अदालत के कड़े रुख का उदाहरण है, जिसने अवैध घुसपैठ और आपराधिक गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाने का संदेश दिया है।