झांसी न्यूज डेस्क: पहले बुंदेलखंड में उगने वाला सुगंधित बासमती चावल सिर्फ देश में ही पहचान बनाता था, लेकिन अब इसकी खुशबू विदेशों तक जाने की तैयारी है। मोंठ क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये की लागत से जिले का पहला बड़ा राइस प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा रहा है। यहां बासमती चावल की सफाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुसार होगी, जिससे इसका निर्यात आसान होगा।
इस प्लांट का प्रस्ताव वेजिटेबल एंड सीड्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने दिया है। कंपनी ने 553 किसानों को जोड़कर 400 एकड़ जमीन पर यह प्लांट लगाने की योजना बनाई है। यहां हर साल करीब 60 हजार मीट्रिक टन चावल तैयार होगा। प्लांट खुलने से झांसी का बासमती चावल एक मजबूत ब्रांड बनकर विदेशों में भी पहचान बनाएगा। साथ ही किसानों को धान को दूसरे राज्यों में ले जाकर प्रोसेस कराने की परेशानी भी नहीं झेलनी पड़ेगी।
इस पहल से स्थानीय युवाओं को भी काम और ट्रेनिंग के नए मौके मिलेंगे। कृषि उत्पाद समूह के सदस्य कौशल विकास और उद्यमिता से जुड़ी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इससे गांवों में रोजगार के रास्ते और मजबूत होंगे और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
किसानों को बाजार में मिलने वाले बासमती बीज पहले अच्छी गुणवत्ता नहीं देते थे। इसी वजह से कृषि उत्पाद समूह ने केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय से बासमती 1885 का बीज मंगाकर 20 एकड़ में इसकी खेती की। इस किस्म ने बेहतर उत्पादन और उम्दा गुणवत्ता वाला चावल दिया। अब इसी अनुभव को बड़ा रूप देकर वे बड़े पैमाने पर उत्पादन की ओर बढ़ रहे हैं।