झांसी न्यूज डेस्क: झांसी मेडिकल कॉलेज में एक महिला मरीज के साथ हुई लापरवाही का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर नाराज़गी जताते हुए सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मंत्री महोदय सिर्फ 'नामपट्टी तक सीमित' रह गए हैं, जिससे मामला और गरमा गया।
यह मामला छतरपुर की शकुंतला नायक से जुड़ा है, जिन्हें 3 मई को आंत के संक्रमण के चलते मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती किया गया था। 8 मई को उन्हें एक्स-रे के लिए रेडियोलॉजी विभाग भेजा गया, लेकिन उनके साथ कोई वार्ड बॉय मौजूद नहीं था। इस दौरान उनके 9 साल के बेटे सौरभ को खून की थैली पकड़ने को कहा गया और परिजनों को खुद स्ट्रेचर खींचना पड़ा, जिससे परिजनों में रोष फैल गया।
इस लापरवाही की खबर सामने आते ही प्राचार्य डॉ. मयंक सिंह ने एसआईसी डॉ. सचिन माहुर से जांच कराई। जांच के बाद सिस्टर इंचार्ज सोनिया कासिफ और स्टाफ नर्स पुष्पा को नोटिस जारी कर उनका वेतन रोकने का आदेश दिया गया। इसके अलावा, आउटसोर्स स्टाफ नर्स पूजा भट्टा और चतुर्थ श्रेणी कर्मी लक्ष्मी की सेवाएं समाप्त कर दी गईं, जबकि नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मी रोशन को निलंबित कर दिया गया।
मंगलवार को अखिलेश यादव की पोस्ट के बाद मामला और गरमा गया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अन्य कर्मियों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं, ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके।