झांसी न्यूज डेस्क: अगस्त में वाहनों की बिक्री में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इसकी मुख्य वजह जीएसटी दरों में होने वाली कटौती मानी जा रही है। ग्राहक अब गाड़ियों के सस्ता होने का इंतजार कर रहे हैं और इसी कारण खरीदारी टाल दी है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अगस्त में पिछले साल की तुलना में 401 गाड़ियां कम बिकीं और विभाग को करीब 61 लाख रुपये राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा। 22 सितंबर से जीएसटी स्लैब को चार से घटाकर दो करने का फैसला लागू होगा, और इसी घोषणा के बाद से ही लोग नई खरीदारी से बच रहे हैं।
आम तौर पर बारिश के मौसम में वाहन बिक्री थोड़ी सुस्त रहती है, लेकिन 15 अगस्त के बाद इसमें तेजी आ जाती है। इस बार ऐसा नहीं हुआ। कारों पर जीएसटी घटने की खबर ने कई ग्राहकों को शोरूम जाने से ही रोक दिया। आंकड़े बताते हैं कि अगस्त 2024 में जहां 2355 वाहनों का पंजीयन हुआ था और विभाग को 5.51 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, वहीं इस बार अगस्त 2025 में केवल 1954 वाहन बिके और 4.90 करोड़ रुपये का ही राजस्व प्राप्त हुआ।
वाहन ही नहीं, बल्कि अन्य सामान जैसे वॉशिंग मशीन, एसी, एलईडी और रेफ्रिजरेटर की बिक्री पर भी असर दिख रहा है। ग्राहक उम्मीद कर रहे हैं कि टैक्स घटने से ये चीजें सस्ती होंगी, इसलिए उन्होंने अभी खरीदारी रोक रखी है। कारोबारी भी मानते हैं कि जीएसटी में कटौती के बाद रियल एस्टेट और निर्माण कार्यों में उछाल देखने को मिलेगा। खासतौर पर सीमेंट सस्ता होने से कई प्रोजेक्ट्स को फायदा होगा।
आर्थिक विशेषज्ञ और आम लोग इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। अधिवक्ता आरपी द्विवेदी और सेवानिवृत्त टिकट निरीक्षक राजेंद्र अरोरा का कहना है कि जीएसटी में बदलाव से महंगाई कम होगी और त्योहारों के मौसम में बाजार की रौनक लौटेगी। गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ते दामों पर सामान मिलेगा और आम जनता को सीधी राहत महसूस होगी।