राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ने सियासी हलचल मचा दी। तस्वीर में सैकड़ों कारों का विशाल काफिला दिखाई दे रहा है, जिनके शीशों पर “नरेश मीणा” लिखा गया है। दावा किया जा रहा था कि यह काफिला निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के समर्थन में राजस्थान के व्यवसायी मातादीन गुर्जर पणिहार की ओर से भेजा गया है। पोस्ट के साथ एक एक्स (ट्विटर) यूजर ने लिखा — “#Livebreakingnews अंता (बारां) मातादीन गुर्जर जी की ओर से अंता चुनाव के लिए 1000 गाड़ी तैयार. जल्दी ही पहुंचेंगी अंता।” लेकिन जांच में पाया गया कि यह तस्वीर असली नहीं बल्कि AI से बनाई गई है।
कैसे हुआ खुलासा
“ Jaipur Vocals फैक्ट चेक” की टीम ने जब इस वायरल फोटो की जांच की, तो कई गड़बड़ियां सामने आईं। तस्वीर में दिख रही कारों की नंबर प्लेट्स पर अजीबोगरीब अक्षर लिखे थे और पीछे खड़े पुलिसवालों के शरीर अस्वाभाविक रूप से एक-दूसरे में गड्डमड्ड हो रहे थे। जब फोटो को ‘AI or Not’ और ‘Image Whisperer’ जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहचानने वाले टूल्स से चेक किया गया, तो दोनों टूल्स ने इसे AI जेनरेटेड इमेज बताया।
🗣️ नरेश मीणा ने दी प्रतिक्रिया
जब इस मामले पर निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा से बात की गई, तो उन्होंने कहा — “यह तस्वीर पूरी तरह फर्जी है। मातादीन गुर्जर पणिहार जी ने मेरे समर्थन में 1000 कारें भेजने की कोई बात नहीं की है। सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने की कोशिश हो रही है।” उन्होंने आगे बताया कि उनके और मातादीन गुर्जर के बीच पहले थोड़ी गलतफहमी जरूर हुई थी, लेकिन अब सब कुछ स्पष्ट हो चुका है।
कौन हैं मातादीन गुर्जर पणिहार?
मातादीन गुर्जर पणिहार MRDS रियल एस्टेट कंपनी के चेयरमैन हैं। सितंबर महीने में जब नरेश मीणा झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से जान गंवाने वाले बच्चों के परिवारों को न्याय दिलाने के लिए अनशन पर बैठे थे, तब मातादीन ने उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया था। साथ ही उन्होंने कुछ अन्य व्यापारियों के साथ मिलकर पीड़ित परिवारों की 51 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी की थी।
चुनाव आयोग की खर्च सीमा
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के खर्च की अधिकतम सीमा 40 लाख रुपये तय की है। ऐसे में 1000 कारों का काफिला भेजने का दावा व्यावहारिक रूप से संभव नहीं दिखता। यही कारण है कि विशेषज्ञों ने भी इस फोटो को राजनीतिक प्रचार से जुड़ी गलत सूचना बताया है।
उपचुनाव की पृष्ठभूमि
अंता समेत सात राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। राजस्थान में यह सीट सत्तारूढ़ दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है।
फर्जी खबरों से सावधान रहें
यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि चुनावी मौसम में AI तकनीक का इस्तेमाल करके झूठी तस्वीरें और वीडियो तेजी से फैलाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूरी है, ताकि भ्रम और गलत प्रचार से लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित न हो। राजनीतिक सरगर्मी के बीच यह “1000 कारों” की कहानी दरअसल एक डिजिटल धोखा साबित हुई — जो बताती है कि अब चुनावी मैदान में मुकाबला सिर्फ जमीन पर नहीं, बल्कि सोशल मीडिया की स्क्रीन पर भी लड़ा जा रहा है।