मुंबई, 09 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका के 21 सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पत्र लिखकर भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की अपील की है। यह पत्र सांसद डेबोरा रॉस और रो खन्ना ने 8 अक्टूबर को भेजा। उन्होंने कहा कि भारत से आने वाले उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ अमेरिका की दोस्ती को नुकसान पहुंच रहा है। इस नीति से न सिर्फ दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि आम लोगों और कंपनियों पर भी असर पड़ रहा है। सांसदों ने चेतावनी दी कि अगर टैरिफ बढ़ता रहा तो अमेरिकी नागरिकों को महंगे उत्पाद खरीदने पड़ेंगे और कंपनियों को वित्तीय नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि ट्रम्प के इस कदम से भारत चीन और रूस के और करीब जा सकता है। सांसदों ने जोर दिया कि भारत-अमेरिका की साझेदारी वैश्विक स्तर पर बेहद महत्वपूर्ण है और इसे कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। पत्र में सांसदों ने लिखा कि भारत अमेरिका का प्रमुख व्यापारिक सहयोगी है। अमेरिकी कंपनियां भारत से दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा उत्पाद खरीदती हैं, जिससे दोनों देशों को आर्थिक लाभ होता है। भारत में निवेश से अमेरिकी कंपनियों को बड़े बाजार तक पहुंच मिलती है, जबकि भारत का निवेश अमेरिका में नौकरियों को बढ़ावा देता है।
सांसदों ने कहा कि भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ से भारतीय कंपनियों और अमेरिकी उपभोक्ताओं, दोनों को नुकसान हो रहा है। इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की कीमत बढ़ रही है और मांग में भारी गिरावट की आशंका है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है और इसे राजनीतिक या आर्थिक फैसलों से कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। सांसदों ने याद दिलाया कि भारत क्वाड गठबंधन का अहम हिस्सा है और इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने में अमेरिका का विश्वसनीय साथी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की साझेदारी रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा दृष्टि से बेहद जरूरी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें 25% अतिरिक्त शुल्क रूसी तेल की खरीद को लेकर लगाया गया। ट्रम्प का कहना है कि भारत की तेल खरीद रूस को यूक्रेन युद्ध जारी रखने में मदद कर रही है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, यह टैरिफ भारत के लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये के निर्यात को प्रभावित कर सकता है। इससे अमेरिका में भारतीय परिधान, आभूषण, फर्नीचर और सी-फूड जैसे उत्पाद 70% तक महंगे हो सकते हैं, जिससे उनकी मांग में भारी गिरावट आ सकती है।