झांसी न्यूज डेस्क: सुबह से लाइन में खड़े किसानों की उम्मीदें उस समय टूट गईं जब गुरसरांय नारायणपुरा साधन सहकारी समिति पर खाद वितरण रुकवा दिया गया। समिति ने बाहर नोटिस चस्पा कर दिया कि भीड़ अधिक होने के कारण आज खाद का वितरण नहीं होगा और अब इसे 18 सितंबर को बांटा जाएगा। यह देखकर घंटों से धूप और गर्मी झेल रहे किसान मायूस होकर वापस लौट गए।
इस बीच, किसानों का सवाल है कि अगर 18 सितंबर को भी यही भीड़ रही तो क्या उन्हें खाद मिल पाएगी? कई महिलाएं भी लाइन में लगी थीं लेकिन सभी को खाली हाथ लौटना पड़ा। किसान प्रशासन की व्यवस्था पर नाराज नजर आए और आरोप लगाया कि उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा है।
80 वर्षीय सीताराम जैसे किसान सुबह 6 बजे से भूखे-प्यासे लाइन में खड़े थे। उनका कहना है कि प्रशासन को गांव-गांव जाकर खाद बांटनी चाहिए ताकि बुजुर्ग और छोटे किसान इस तरह की परेशानी से बच सकें। किसानों का दर्द साफ झलक रहा था कि मेहनत के बावजूद उन्हें समय पर उर्वरक नहीं मिल रहा।
इस मामले पर सांसद अनुराग शर्मा ने पहले ही चिंता जताई थी। उन्होंने डीएम को पत्र लिखकर कहा था कि उर्वरक की कमी से किसानों में आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने मांग की कि छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता देते हुए समय पर खाद उपलब्ध कराई जाए। अतिवृष्टि से खरीफ की कई फसलें पहले ही 25% तक नष्ट हो चुकी हैं और धान की बोआई का क्षेत्रफल चार गुना बढ़ गया है, जिससे यूरिया और डीएपी की मांग और तेज हो गई है।